बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शादी के करीब एक सप्ताह बाद यानी दिसंबर की अठारह तारीख को ही फिर एक्शन में आते कहा था, वह बेरोजगारों की हक में लड़ाई शुरू करेंगे।
शादी के बाद पहली बार राजद कार्यालय पहुंचने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पार्टी की टोपी, गमछा देकर उनका स्वागत किया ज्योंहि किया था तेजस्वी ने एक बार फिर राज्य सरकार पर हमला बोलते कहा था, बेरोजगारी के खिलाफ उनकी यात्रा अब शुरू होगी।
आज फिर से तेजस्वी ने यही कहकर, सरकार को घेरा है। उन्हें मौका भी मिल गया है। अब उन्हें बेरोजगार युवकों को थाहने की ताकत भी रेलवे भर्ती बोर्ड के बवाल ने दे दी है। सो, अब मौजूदा सरकार पर किसी को भरोसा नहीं है। सरकार की असलीयत अब सबके सामने आ गयी है। पढ़े- लिखे छात्र रोजगार के लिए सड़क पर नजर आ रहे हैं। रेलवे जैसा संस्थान आज खत्म हो रहा है।
तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि वह बेरोजगारी रैला के आयोजन को लेकर अब बिहार के दौरे पर निकलने वाले हैं।उनकी पार्टी का अधिवेशन खत्म होने के बाद जिला स्तर पर कार्यक्रम तय किया जाएगा और उसके बाद बिहार दौरे पर वह युवाओं से संवाद करने निकलेंगे।
तेजस्वी यादव ने बताया कि आज से सारी पाबंदियां खत्म हो गयी है अब राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक होगी। जिसमें बेरोजगारी हटाओं रैली को लेकर बातचीत की जाएगी। नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने 19 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही गयी थी सरकार बताये कितने लोगों को रोजगार मिला?
हम सभी लोगों को साथ लेकर चलते हैं। असल मुद्दा ये है कि जनता का कल्याण कैसे हो, बिहार के लोगों का दुख-दर्द राजद परिवार कैसे दूर करे, उनकी आवाज कैसे उठाएं। अभी एजेंसियों की रिपोर्ट में बिहार की जो हालत दिख रही है, उससे काफी दुख होता है। नौजवान बेरोजगार हैं। कल-कारखाने नहीं हैं। ला एंड आर्डर बदतर है। भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हमलोगों के सामने बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस से अलग होकर आरजेडी एमएलसी चुनाव अकेले लड़ती है तो क्या एनडीए को इसका फायदा होगा? मीडिया के इस सवाल का जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि किसकों क्या फायदा होगा या नहीं होगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। हमलोगों का फैसला था कि आरजेडी अपने दम पर पर चुनाव लड़े। राजद के कार्यकर्ताओं की भी यही मांग थी जिसे हमलोग निभाए हैं।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार ने 40 में से 39 सांसद दिए, वे लोग क्या कर रहे हैं। आप मांग भी किससे रहे हैं, खुद से। केंद्र में आपकी सरकार, राज्य मे आपकी सरकार, फिर भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। इसका मतलब है कि आप चाहते ही नहीं। शिक्षा, चिकित्सा, ला एंड आर्डर, रोजगार सबकी स्थिति बदतर होती जा रही है। इनसे प्रभावित हो रहा है बिहार का भविष्य।