धनबाद। कोयलांचल धनबाद में मंगलवार को दो बार तेज आवाज के साथ जमीन फट पड़ी और उसमें से भारी मात्रा में आग और गैस का रिसाव होने लगा।
इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की सूचना बीसीसीएल एवं जिला प्रशासन को दे दी है। साथ ही लोगों को घटना स्थल से दूर रखने का प्रयास कर रही है।
कोयलांचल धनबाद की धरती पिछले कई दशकों से दहक रही है। धरती के नीचे मौजूद कोयले में लगी आग, पूरे कोयलांचल को आहिस्ता आहिस्ता अपने गर्भ में धारण करती जा रही है। यहां की सुबह जोरदार विस्फोट और गैस के रिसाव के बीच होती है। जहरीले गैस और धूलकण के गुब्बारों के बीच जमीन की आग लोगों को न सिर्फ डराती है, बल्कि अब तक कई लोगों को जलाकर भस्म भी कर चुकी है।
ऐसे खतरनाक स्थलों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित करने को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार की भी स्थापना की गई, पर विस्थापन करने का कार्य अब तक पूरा न हो सका।
धनबाद के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह कुछ ऐसी ही रही। बीसीसीएल के लोयाबाद एरिया-5 के वासदेवपुर कोलियरी के संजय उद्योग आउटसोर्सिंग माइंस में जोरदार आवाज के साथ कुछ घंटे के अंतराल पर दो बार ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट के बाद उस जगह से तेजी से आग के साथ गैस रिसाव शुरू हो गया। ब्लास्ट के बाद के बाद कुछ समय के लिए उक्त स्थल पर अफरा तफरी का माहौल रहा। उसके बाद घटना स्थल पर नजारा देखने वालों की भीड़ इकट्ठा होने लगी।
सूचना मिलने के बाद केंदुआडीह थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की ओर से लगातार लोगों से गैस रिसाव वाली जगह से दूर रहने की अपील की जा रही है। वहीं, प्रबंधन के अब तक नहीं पहुंचने से लोगों में बेहद नाराजगी भी देखी जा रही है। इस संबंध में जब धनबाद जिला प्रशासन से जानकारी लेने को लेकर संपर्क साधने की कोशिश की गई तो किसी भी सक्षम पदाधिकारी ने फोन नही उठाया।
स्थानीय निवासी कृष्णा राउत और लाल बाबु सिंह ने कहा कि बीसीसीएल जानबूझ कर यहां आग भड़का रही है, ताकि वह यहां से लोगों को हटा स कर कोयला निकाल सके। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल यदि उक्त स्थल पर ठीक ढंग से बालू भराई का काम करती तो इस तरह की घटना नही हुई होती।
इस संबंध में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. प्रमोद पाठक ने बताया कि कोयले के राष्ट्रीकरण से पूर्व यहां अवैज्ञानिक तरीके से कोयले का उत्खनन किया गया और इसके बाद उन खदानों का मुंह यूं ही खुला छोड़ दिया गया। इसके बाद ही कोयले में आग लगने की समस्या सामने आई। उन्होंने बताया कि झरिया कोलफील्ड में आग की समस्या पूरी तरह से गहरा चुकी है। आग का दायरा आज के समय मे कितना बड़ा और गहरा है इसका ठीक-ठीक अंदाज लगाना मुश्किल है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि आग अब भयावह हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अब इसका एक ही उपाय है कि फायर जोन से लोगों को हटा कर वहां के कोयले को निकाल लिया जाए। क्योंकि, आग आहिस्ता आहिस्ता अब धरती को खोखला करती जा रही है, जिससे भू-धसान की घटना बढ़ती जा रही है।
मौके पर पहुंचे वासदेवपुर कोलियारी के प्रोजेक्ट ऑफिसर सतेंद्र सिंह से जब इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो इन्होंने इस विषय पर चुप्पी साधते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मौके पर पहुंचे केंदुआडीह इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी विनोद उरांव ने बताया कि ‘घटनास्थल से लोगों को हटा दिया गया है और इसकी सूचना स्थानीय बीसीसीएल प्रबंधक और जिला प्रशासन को दे दी गई है। जल्द ही उक्त स्थल पर बालू भराई कर आग पर काबू पा लिया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित जगह पर विस्थापित करने को लेकर लंबे समय से बीसीसीएल और जिला प्रशासन की तरफ से जद्दोजहद किया जा रहा है किंतु लोग अलग-अलग कारणों से उक्त स्थल को छोड़ना नही चाहते। फिलहाल लोगों को घटना स्थल से दूर कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोयलांचल धनबाद में कोयला उत्खनन कर रही बीसीसीएल का लगभग एरिया आग की चपेट में है। इससे यहाँ के लोगों को आए दिन इस तरह की घटना से दो चार होना पड़ता है। यहाँ की धरती कब कहा फट पड़े और किसे अपनी आगोश में ले ले ये कहना मुश्किल है। बावजूद इसके बीसीसीएल प्रबंधन और झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार की नींद अभी नहीं खुली है। शायद वह किसी और भू-धंसान की घटना के इंतजार में हैं। इधर, बारिश का मौसम भी आ चुका है जो भू-धंसान के लिए सर्वाधिक खतरनाक समय है।
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