दुमका। शिकारीपाड़ा के कजलादाहा गांव में 15 मई की रात किशोरी करीना कुमारी को जलाकर मारकर दिया गया था। उस वारदात को स्वयं मां सुनीता देवी ने अंजाम दिया था।
मां ने गमछे से मुंह बांधकर शरीर पर केराेसिन डालकर आग लगाई थी। करीना मां के गलत आचरण का विरोध करती थी और आरोपित उसे ही रास्ते का कांटा मानती थी। चार दिन थाने में चली पूछताछ के बाद शुक्रवार को पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने मां को ही कातिल मानते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने शुक्रवार को बताया कि चार दिन तक चली पूछताछ के बाद एक बार भी सुनीता ने यह स्वीकार नहीं किया कि उसने ही बेटी को मारकर जलाया है। मां का आचरण गलत था और वह आए दिन किसी न किसी के साथ घर से चली जाती थी। कुछ लोग घर भी मिलने के लिए आते थे। करीना इसका विरोध करती थी। इस बात को लेकर अक्सर कहा सुनी होती थी।
कई बार पड़ोस के लोगों ने उसे घर में एक कांटा है, उसे साफ करने की बात सुनी थी। सोची समझी साजिश के तहत उसने पहले गमछे से बेटी का मुंह बांधा और केरोसिन डालकर जला दिया। मारने के बाद जब उसे पुलिस साथ ले जाने लगी तो उसने हत्या के समय पहने कपड़े बदल लिए।
महिला ने पुलिस को बताया कि जिस समय बेटी जल रही थी तो अपने पेटीकॉट से आग बुझाने का प्रयास किया। महिला ने पानी रहते हुए आग बुझाने के लिए न तो इसका उपयोग किया और ना ही बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई। जलते समय पड़ोस की एक महिला ने बेटी के शव के समीप उसे खड़े देखा था।
पुलिस ने घर से लाकर जब पेटीकॉट की जांच की तो वह कहीं से झुलसा नहीं था और उसमें केरोसिन की बदबू आ रही थी। मुंह बंद करने के लिए जिस गमछे का इस्तेमाल किया गया, उसे मां ने एक बक्से में रखा था। मृतका के बेटे ने भी यह बात स्वीकार की।
पुलिस इन सारे प्रमाण के बाद महिला को दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया। पहले पुलिस को शक हुआ कि वारदात में महिला के किसी पुरुष मित्र का होगा। संदेह के आधार पर पुलिस ने महिला का मोबाइल खंगाला तो उसमें चार लोगों से वह अक्सर बात करती थी।
दो रानीश्वर और दो शिकारीपाड़ा के रहने वाले थे। पुलिस ने चारों को लाकर थाना में पूछताछ की लेकिन हत्या में शामिल होने का प्रमाण नहीं मिला। घटना के समय सभी का मोबाइल लोकेशन महिला के घर से 50 किलाेमीटर दूर था। इसलिए सभी को छोड़ दिया गया।
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