रांची। पूरे झारखंड में कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है। यह गुरुवार शाम साढ़े छह बजे से प्रभावी होगा। सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इस बड़े फैसले का एलान किया।
इधर, रांची में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना ने अब तक कई लोगों की जिंदगी लील ली । कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए और वकीलों की जिंदगियों को सुरक्षित रखने के लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य के सभी वकीलों को एक सप्ताह तक न्याययिक कार्यों से अलग रहने का सख्त निर्देश दिया हैं।
सूत्रों ने बताया कि रांची जिला बार एसोसिएशन की बात करें तो यहां के 10 अधिवक्ता पिछले 15 दिनों में कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें रांची सिविल कोर्ट के सबसे अनुभवी अधिवक्ता और सिविल कोर्ट के अभिभावक कहे जाने वाले बंशी बाबू, अधिवक्ता अरुण मिश्रा, अधिवक्ता पंकज तिवारी, कुमार कुणाल, मो. फ़िरोज़, मुमताज़ अंसारी, मो शहीद, रूबी परवीन, प्रदीप लाल और अमरेश कुमार का नाम शामिल है।
इधर लॉकडाउन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में शामिल कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। एक धड़ा लाॅकडाउन लागू होने पर संतोष जता रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव कोरोना वायरस से बचने के लिए अब भी बीच का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। झारखंड कांग्रेस लाॅकडाउन के मसले पर पूरी तरह कंफ्यूजन में दिख रही है।
यहां जितने नेता, लाकडाउन पर उतने अलग- अलग राग अलाप रहे हैं। इस बीच सरकार के वरीय अधिकारियों ने लॉकडाउन की अटकलों को सही बताया है। वरिष्ठ अफसरों ने दैनिक जागरण संवाददाता को बताया कि लॉकडाउन लगाने पर सीएम हेमंत सोरेन गंभीरता से विचार कर रहे हैं। संभव है कि आज वे बड़ा एलान करें। झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि उन्होंने सीएम से संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के बदले कोई बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया है।