रांची। रांची के एचईसी स्थित पारस अस्पताल पर मृतक के परिजनों ने झूठी रिपोर्ट देकर मरीज के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। मरीज केटी राव की मंगलवार सुबह मौत हो गयी। वह रांची रेल डिवीजन के इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्यरत थे। मृतक का भाई के श्रीनिवास राव को अब तक यह नहीं पता है कि उनका भाई कोरोना पॉजिटिव था या निगेटिव। परिजनों ने लिखित शिकायत कर राज्य सरकार से मांग की है कि इस मामले में जांच की जाये और अस्पताल पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये। जिससे की भविष्य में गरीब मरीज को अस्पताल लूट ना सके।
मृतक के भाई श्रीनिवास राव ने बताया कि सात अप्रैल को मेरे भाई केटी राव की तबीयत बिगड़ी और उल्टी, कमजोरी और फीवर होने के बाद पारस अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने देखने के बाद कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है मरीज नॉर्मल है। दूसरे दिन यानी आठ अप्रैल को मरीज को छोड़ने के लिए कहा तो अस्पताल ने कहा कि मरीज कोरोना पॉजिटिव है। फिर उसे करोना वार्ड में भर्ती कर दिया गया। मरीज अपने भाई को वीडियो कॉल कर प्रतिदिन बता रहा था कि यहां ना इलाज हो रहा है।
ना खाना दिया जा रहा है और ना ही बाथरूम जाने दिया जा रहा है। मुझे यहां से घर ले जाओ। जब परिजन घर ले जाने की बात करने आए तो अस्पताल ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है। मृतक का भाई श्रीनिवास राव ने सुबह 10 बजे से रात एक बजे तक इंजेक्शन पूरी रांची में खोजा लेकिन उसे नहीं मिला। 12 अप्रैल को परिजन खुद ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर अस्पताल से मरीज को लेने आये। जब परिजनों ने कोरोना की रिपोर्ट मांगी तो अस्पताल प्रबंधन ने नेगेटिव रिपोर्ट दी।
मृतक का भाई ने जब उस रिपोर्ट को देखा तो आश्चर्य व्यक्त किया कि जब 7 अप्रैल को अपने भाई को अस्पताल में भर्ती कराया तो तीन अप्रैल को कोरोना जांच कैसे हो गयी और चार अप्रैल को रिपोर्ट दे दी गयी। उस रिपोर्ट को लेकर घर पहुंचने के बाद 12 अप्रैल को रात 10 बजे फिर से उसके भाई की तबीयत बिगड़ी और सांस लेने में परेशानी होने लगी। आनन-फानन में रेल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर ऑक्सीजन पर रखा गया लेकिन ऑक्सीजन लेवल गिरने से मंगलवार को रेल अस्पताल में केटी राव की मौत हो गयी। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। परिजन सरकार से न्याय मांग रहे।
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