झारखंड की राजनीति का ‘सरयू’ उफान पर है। विधायक सरयू राय ने पिछले 48 घंटे में दूसरा मास्टर स्ट्रोक लगाया है। उन्होंने रविवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की।
सरयू ने ट्विटर अकाउंट पर इसे अचानक हुई मुलाकात बताया है, लेकिन राजनीति के गलियारे में इसको लेकर तमाम तरह की चर्चा है। जो जानकारी है उसके मुताबिक, सरजू राय ने आप ज्वाइंन कर लिया है।

झारखंड से निर्दलीय विधायक सरयू राय (Saryu Rai) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की है। सीएम केजरीवाल से उनकी मुलाकात को राजनीतिक विश्लेषक झारखंड की राजनीति से जोड़ कर देख रहे हैं।
सीएम केजरीवाल से मुलाकात के बाद सरयू राय ने कहा कि, “दिल्ली-पंजाब में भ्रष्टाचार और अच्छी राजनीति का मसला है। अगर यहां का युवा भी इस चीज़ को पसंद करें तभी ऐसी रेखा खींची जा सकती है। अभी इसकी संभावना कम है।
उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर पंजाब की जीत पर बधाई दी. हमारी झारखंड को लेकर भी चर्चा हुई। लोगों को अरविंद केजरीवाल में विकल्प नज़र आ रहा है. झारखंड की समाजिक परिस्थिति दिल्ली और पंजाब से अलग है।
जानकारों का कहना है कि सरयू राय का झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की आगे की राह मुश्किल कर सकता है। जून में होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए रघुवर दास उम्मीदवार हो सकते हैं लेकिन उन्हें प्रथम वरीयता का आवश्यक वोट हासिल करने में परेशानी हो सकती है। इससे पहले हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को आजसू के दो और निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव का भी समर्थन मिला था।
माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय एक बार फिर सबको चौंका सकते हैं। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तत्काल बाद सरयू ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के साथ मिलकर नया राजनीतिक मोर्चा बनाने की घोषणा की। इसमें फिलहाल पांच विधायक शामिल हुए। नए मोर्चे के गठन के ठीक दो दिन बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ सरयू की मुलाकात हुई।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पंजाब में शानदार जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल आने वाले दिनों में अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार करने की कोशिश तेज करेंगे। उनके लिए सरयू राय झारखंड में मुफीद साबित हो सकते हैं। केजरीवाल ने जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपनी छवि बनाई है, वैसी ही छवि सरयू राय की भी है।
सरयू राय विभिन्न मुद्दों पर लगातार सरकार को घेरते रहे हैं। चारा घोटाले का खुलासा करने वाले सरयू राय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार के कारनामे भी उजागर किए। इसके बाद रघुवर दास सरकार के मंत्रिमंडल में रहते हुए भी वह लगातार अपनी सरकार की कई नीतियों के खिलाफ मुखर रहे।
रघुवर अगर प्रत्याशी बनेंगे तो यह वोट पाना मुश्किल होगा। सरयू राय के साथ सुदेश महतो और अमित यादव भी रघुवर दास को पसंद नहीं करते। इसकी वजह यह है कि रघुवर दास के कारण ही पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू का भाजपा के साथ चुनावी तालमेल नहीं हुआ था। कहा जाता है कि रघुवर दास ने अपने करीबी को टिकट देने के चक्कर में अमित कुमार यादव का टिकट कटवा दिया था।