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27 नवम्बर, 2025

कोलकाता एयरपोर्ट पर पकड़ा गया 4250 करोड़ का अजीबोगरीब रेडियो एक्टिव पदार्थ,कैंसर के इलाज से परमाणु बम बनाने तक में उपयोग,दुनियाभर में हर साल सिर्फ आधा ग्राम तक उत्पादन,एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत करीब 17 करोड़

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राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की टीम ने चार हजार,250 करोड़ रुपये मूल्य के दुर्लभ रेडियोएक्टिव पदार्थ को कोलकाता दमदम हवाई क्षेत्र इलाके से जब्त किया है। इस पदार्थ की पहचान “कैलिफोर्नियम” के रूप में हुई है जिसके एक ग्राम की कीमत लगभग 17 करोड़ रुपये है।

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सीआईडी की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि सूत्रों से सूचना मिलने के बाद एयरपोर्ट इलाके से 48 वर्षीय शैलेन कर्मकार और 49 वर्षीय असित घोष को गिरफ्तार किया गया। शैलेन आनंदनगर के लेफ्टिनेंट विश्वनाथ कर्मकार का पुत्र है और मूल रूप से हुगली जिले के सिंगूर का रहने वाला है। गिरफ्तार दूसरा व्यक्ति असित भी हुगली का ही निवासी है।

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एयरपोर्ट पर उन्हें घेरा गया और उनके बैग की तलाशी ली गई। इसमें राख वाले रंग के पत्थरों के चार टुकड़े मिले जो अंधेरे में चमक रहे थे। उन पत्थरों में से रोशनी परावर्तित हो रही थी।

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पत्थरों को देखकर ऐसा लगता है कि ये खनिजों से भरा हुआ है। प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला है कि यह कैलिफोर्नियम है जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने से लेकर अन्य घातक हथियारों के निर्माण में हो सकता है। इसके कोलकाता एयरपोर्ट पर जब्त होने के बाद राज्य प्रशासन सकते में है। गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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क्या है कैलिफोर्नियम ?

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– राज्य सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि देश में आम आदमी रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है। अत्यंत महंगा ये रेडियोएक्टिव पदार्थ सिर्फ लाइसेंसधारी ही बेच सकते हैं। देश में मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से ही कैलिफोर्नियम मिलता है। रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम सिंथेटिक होता है।

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इसका रंग चांदी जैसा और साबुन की तरह होता है,जिसे ब्लेड से काटकर टुकड़ों में कर सकते हैं। कैलिफोर्नियम की दुर्लभता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व में इसका प्रोडक्शन हर साल मात्र आधा ग्राम ही होता है। शायद यही वजह है जो एक ग्राम कैलिफोर्निया की कीमत 17 करोड़ से भी अधिक है।

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सूत्रों ने यह भी बताया है कि कैलिफोर्नियम कैंसर के उपचार और इंडस्ट्रियल फील्ड में काम आता है। मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्स-रे मशीनों में होता है।

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इंडस्ट्रियल फील्ड में तेल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाने, गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन के अलावा पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है। कैलिफोर्नियम एक खतरनाक रेडियोएक्टिव मेटल है जो इंसानों के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

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इसके संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो सकती है। महिलाओं में ल्यूकोमिया और मिसकैरिज जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। कैलिफोर्नियम प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है। खास बात यह है कि रेडियो एक्टिव होने की वजह से इसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में भी किया जा सकता है।

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