पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने कभी दस हजार लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा था। आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया। इनमें 8246 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक शामिल हैं। नीतीश और तेजस्वी ने कुछ लोगों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र दिया।
पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटने के बाद नीतीश कुमार ने कहा-बिहार में कानून का राज है। इसलिए, कोई भी क्राइम हो तुरंत कार्रवाई करें। पहले पुलिस बल की संख्या 42481 थी। बिहार में विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए अधिक पुलिस बल की जरूरत थी। तब आर्मी से रिटायर्ड बलों को सैप के रूप में बहाल किया और उन्हें 60 वर्ष की उम्र तक काम करने का मौका दिया. लगातार हम संख्या बढ़ाने के लिए कहते रहते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अपराध पर नियंत्रन के लिए पुलिस को दो हिस्से में बांटने की बात हम 2007 से ही कहते रहे हैं। पुलिस का एक हिस्सा अनुसंधान और दूसरा विधि-व्यवस्था में रहे यह हम कहते रहे हैं। अब जाकर यह हुआ है फिर भी इसमें काफी देरी हुई है। सीएम ने कहा कि क्राइम कंट्रोल के लिए कार्रवाई में तेजी लाएं।
उन्होंने कहा कि केस दर्ज होने के बाद तय सीमा पर उसका निष्पादन होना चाहिए। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बहाली के साथ ही प्रशिक्षण भी समय पर कराएं। इसके लिए उन्होंने मंच पर मुख्य सचिव से इसका वादा करवाया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था ठीक रहे इसके लिए पेट्रोलिंग की सही व्यवस्था हो। डायल 112 में और अधिक गाड़ियां बढ़ाएं ताकि लोगों को सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध हो सके। विधि व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए अधिक पुलिस बल की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने मौके पर पुलिस के वरीय अधिकारियों से कहा कि पुलिस में तेजी से बहाली करें। पुलिसकर्मियों को ठीक तरह से ट्रेनिंग दें। सिर्फ केस दर्ज न करें, बल्कि समय सीमा के अंदर चार्जशीट भी दाखिल करें ताकि जल्द सजा हो सके।
मंच पर बैठे गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और मुख्य सचिव को कहा कि बहाली जल्दी से कराइए। ट्रेनिंग बढ़िया से कराइए। जितना भी हम काम कह रहे हैं, उसको ठीक से कराइए। पुलिस भवन को मेंटेन करिए। इसके बाद नीतीश कुमार ने पुलिस के वरीय अधिकारियों से कहा कि हम आप लोगों से उम्मीद करें ना भाई। आप लोग खड़ा हो करके बोल दीजिए। मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी व अन्य अधिकारियों को नीतीश कुमार ने खड़ा कराया और सबसे हामी भरवाई।
उन्होंने कहा कि 2010 में हमने जो सर्वे कराया उनके अनुसार बिहार में 152232 पद बनाया। खाली पदों को भरने के लिए कई दफे बहाली हुई लेकिन दो साल कोरोना के कारण बहाली नहीं हो पायी। आज जो 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति हुई है इसको मिलाकर कुल संख्या 108000 हुआ है।
अभी भी 44000 पर रिक्त है इसे जल्दी भरा जाये। अभी हाल ही में हमने तय कर दिया है कि पहले एक लाख की आबादी पर 115 की बहाली होनी थी अब उस अनुपात को और बढ़ाया जायेगा। हमारा एरिया सीमित है और आबादी ज्यादा है। अब एक लाख की आबादी पर 160-170 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति करनी है।
डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब देरी मत करिएगा, जल्दी से बहाली कराईये। अगर आज कम संख्या रहती तो हम यहां नहीं आते। यह संख्या हमने 2010-11 में ही तय किया था। 2013 आते-आते हमने तय किया कि महिलाओं को 35 फीसदी का आरक्षण होना चाहिए। अभी पुलिस में 25 परसेंट पर महिला पहुंची है। हमें कम से कम 35 परसेंट पहुंचाना है। पहले तो महिला घर में ही बंद रहती थी। हम यही चाहते हैं कि पुलिस में और तेजी से बहाली हो।
मुख्यमंत्री नीतीश ने पुलिस के वरीय अधिकारियों से कहा कि केस करते हैं और जांच नहीं करिएगा तो फिर कैसे सजा होगी। इसलिए क्राइम को कंट्रोल करना है तो 60 दिन में चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए। अभी इन लोगों के यहां कितना दिन से केस पेंडिंग है।
केस दर्ज हो तो एक समय सीमा के अंदर जांच हो जानी चाहिए और मामला कोर्ट में दाखिल हो जाना चाहिए। बिहार पुलिस की ट्रेनिंग पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग पूरी होती भी नहीं की उन्हें काम पर लगा दिया जाता है। काम पर पता चलता है कि पुलिसकर्मी कंट्रोल ही नहीं कर पा रहे है। ट्रेनिंग पूरी होगी तभी तो मजबूती से काम होगा।