नेपाल में भूकंप से भारी तबाही हुई है। 154 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, भूकंप का असर संपूर्ण भारत पर दिखा। वहीं, भारत नेपाल को हर संभव मदद देने की तैयारी कर रहा (154 people died due to earthquake in Nepal) है।
जानकारी के अनुसार,नेपाल में शुक्रवार की देर रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने नेपाल के साथ भारत को भी हिला दिया। भारत के अलग अलग राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लेकिन जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई। इसके उलट नेपाल में हालात बिगड़ गए। नेपाल में भूकंप के कारण अब तक 154 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 130 से अधिक लोग घायल हैं। पढ़िए पूरी खबर
पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार देररात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही हुई है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब तक 154 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप रात 11:47 बजे आया। इसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। इस बीच शनिवार सुबह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल की भूकंप त्रासदी पर गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत, नेपाल को हर संभव सहायता देने को तैयार है।
अधिकारियों ने कहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राहत और बचाव कर्मचारी मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। अब तक जाजरकोट में मलबे के ढेर से 92 और रूकुम पश्चिम में 62 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूकंप त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने शोक संदेश में कहा है कि इस आपदा की घड़ी में भारत, नेपाल को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड प्रभावित क्षेत्र जाजरकोट पहुंच चुके हैं। नेपाली सेना की मेडिकल टीम और दवाइयों के साथ पहुंचे प्रचंड ने भूकंप प्रभावित का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने राहत और बचाव के काम में सभी से सहयोग की अपील की है।
जाजरकोट और रूकुम के अस्पतालों में जगह नहीं बची है। अब घायलों को सुर्खेत और नेपालगंज के अस्पतालों में हेलीकॉप्टर के जरिए भेजा जा रहा है। आसपास के इलाकों से मेडिकल टीमें बुलाई गई हैं।
जानकारी के अनुसार,कई बार भूकंप की त्रासदी की निर्मम मार से बेहाल हो चुके नेपाल को शुक्रवार रात कांपी धरती ने फिर हिलाकर दिया। इस बार इसका केंद्र जाजरकोट जिला रहा। शक्तिशाली भूकंप के तेज झटकों से हजारों मकान मलबे के ढेर में बदल गए। सुबह होते ही युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया है।
जाजरकोट जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 92 पहुंच चुकी है। मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश की जा रही है। अपने के शव देख लोगों के सीने फट रहे हैं। रूकुम पश्चिम जिला में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 37 पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड राहत सामग्री और दवाओं के साथ हेलीकॉप्टर लेकर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले हैं। उनके साथ सेना की मेडिकल टीम भी है। आसपास के जिलों से भी मेडिकल टीमों को प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
अधिकारियों का कहना है कि मलबे से अब तक 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है। सबसे अधिक परेशानी घायलों के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा न होने से हो रही है। गम्भीर रूप से घायल लोगों को हेलीकॉप्टर से सुर्खेत और काठमांडू लाने की तैयारी की जा रही है।