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22 जून, 2024
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हिजाब के बाद कर्नाटक में एक और विवाद, स्कूलों में भगवा रंग से रंगे जाएंगे क्लास रूम

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कर्नाटक से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां हाल ही में क्लास रूम के भीतर हिजाब को प्रतिबंध करने के बाद जमकर विवाद के बीच और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने और बहस के बीच एक नया विवाद जन्म ले लिया है। प्रदेश की सरकार ने अब स्कूलों में भगवा रंग से क्लास रूम रंगने का फरमान जारी कर दिया है।

सरकार ने ‘विवेका’ योजना के तहत राज्य भर में शुरू की जा रही 10,000 कक्षाओं को भगवा रंग में रंगने का फैसला किया है। बम्मई सरकार के इस फैसले को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है।

राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 8100 नई कक्षाओं के निर्माण की योजना बनाई है। खास बात यह है कि इन कक्षाओं का नामकरण स्वामी विवेकानंद के नाम पर होगा। सभी कक्षाओं की संरचनाएं समान और एक ही रंग में होगी। इन कक्षाओं की दीवारों और स्तंभों पर स्वामी विवेकानंद की उक्तियां अंकित की जाएंगी।

 

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 992 करोड़ रुपये की लागत से राज्य भर के सरकारी स्कूलों में स्वामी विवेकानंद के नाम पर 10,000 से अधिक कक्षाओं का निर्माण करने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कलबुर्गी में बाल दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के साथ इस योजना का शुभारंभ किया।

हालांकि, इससे पहले स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इन कक्षाओं के रंग को लेकर कोई खुलासा नहीं किया था कि इन्हें किस रंग में रंगा जाएगा। लेकिन, गदग में एक कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि विवेकानंद के नाम पर निर्मित होने वाली कक्षाओं का रंग ‘भगवा होगा। उन्होंने कहा कि कक्षाओं का रंग भगवा करने के पीछे विचारधारा जैसी कोई बात नहीं है बल्कि, वास्तुकारों ने सुझाव दिया है कि रंग भगवा ही उचित होगा।

भगवा रंग में रंगे जाने की योजना का विरोधहालांकि, सरकार के इस फैसले का विरोध होना शुरू हो गया है। शिक्षाविदों और प्रगतिशील विचारकों ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है और राजनीतिक एजेंडे के लिए स्वामी विवेकानंद के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। विरोध करने वालों का यह भी आरोप है कि यह शिक्षा प्रणाली के भगवाकरण की दिशा में उठाया गया एक और कदम है।

 

शिक्षा मंत्री ने कक्षाओं के भगवा रंग में रंगने के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह आर्किटेक्ट की vidhan_soudha_3.jpg

सिफारिशों पर आधारित है। बीसी नागेश ने कहा, “क्या इसमें कुछ गड़बड़ है? क्या भगवा रंग नहीं है? अगर आर्किटेक्ट भगवा रंग का सुझाव देते हैं तो हम इसे पेंट करेंगे। सरकार यह तय नहीं करेगी कि खिड़कियां, दरवाजे और सीढ़ियां कैसी होनी चाहिए। हमारे पास आर्किटेक्ट हैं और हम उनकी सिफारिशों के आधार पर फैसला करेंगे।”

 

क्लास रूम को भगवा रंग से रंगने पर विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा, “कुछ लोगों को भगवा से एलर्जी है। यहां तक ​​कि उनके (कांग्रेस) झंडे में भी भगवा है, उन्होंने इसे क्यों रखा है? उसे भी हटा दें और इसे पूरी तरह से हरा कर दें।”

 

मुख्यमंत्री बसवराद बोम्मई ने सोमवार को बेंगलुरु में विधान सौध के सामने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद बोलते हुए विपक्ष से हर चीज का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भगवा रंग है। वे इसको लेकर नाराज क्यों हैं? स्कूल की इमारतों का निर्माण स्वामी विवेकानंद के नाम पर किया गया है। विवेकानंद एक भिक्षु थे। वह भगवा वस्त्र पहनते थे। विवेक शब्द का अर्थ है सभी के लिए ज्ञान। उन्हें सीखने दें।”

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