Amitaabh Srivastava।Former Executive editor at TV TODAY।Delhi । कोलकाता का बलात्कार कांड अभी सुर्खियों में बना ही हुआ है, उधर महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में एक स्कूल में दो मासूम बच्चियों के साथ स्कूल के एक सफ़ाईकर्मी के यौन अपराध की घटना से शहर में उबाल है। नाराज़ स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और रेलवे स्टेशन की पटरियों पर धरना दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया मगर लोग वहां से हटने को तैयार नहीं हैं।
अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani
सत्ता में रहते हुए क्या करती है, यह भी देखना होगा
राजीव गांधी जीवित होते तो आज 80 साल के हो गये होते
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जीवित होते तो आज 80 साल के हो गये होते। बेहद सुदर्शन और आकर्षक शख्सियत वाले राजीव गांधी अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 40 साल की उम्र में भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने थे। राजीव गांधी की तमाम नीतियों से असहमतियों के बावजूद उनकी भद्र, शालीन, शिष्ट छवि और सज्जनता के बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती। राजीव गांधी जिस दौर में राजनीति में आए थे, राजनीतिक दलों में प्रतिद्वंद्विता होती थी, आज जैसी दुश्मनी नहीं। आतंकवादी हिंसा के हाथों उनके क्रूर अंत को याद करके बहुत दुख होता है।
राजनीतिक दलों और मीडिया के लिए पर्याप्त सनसनी
शुरुआत परिवार से होनी चाहिए।
सिर्फ कोलकाता बलात्कार कांड पर मध्यवर्गीय आक्रोश से बलात्कार के मुद्दे पर सामाजिक जागृति नहीं आएगी, कड़े क़ानूनों से भी न हालात बदलेंगे, न बलात्कार रुकेंगे जैसे दिल्ली के निर्भया कांड में बलात्कारियों को फांसी की सज़ा मिलने के बाद भी कुछ नहीं बदला। महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराध और हिंसा का मसला एक बड़ी और लगातार लड़ी जाने वाली लड़ाई है जिसमें शुरुआत परिवार से होनी चाहिए।
और,अंत में…।
अंत में, जैसा कि आप देशज टाइम्स की तस्वीर में देख सकते हैं। मलयालम सिनेमा के दो चेहरे। एक तरफ #Attam जैसी श्रेष्ठ, पुरस्कृत, गंभीर फिल्मों की लंबी श्रृंखला, दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर महिला कलाकारों के यौन शोषण की घिनौनी तस्वीर।