कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से मोदी सरनेम के बारे में दी गई टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ी राहत दी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि राहुल को अधिक सावधान रखनी चाहिए थी।
SC ने मानहानि मामले में राहुल को दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने आदेश में कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज को अपने फैसले में अधिकतम सजा सुनाने की वजहें भी बतानी चाहिए थीं।
इस मामले में निचली अदालत और हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिली थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से अधिकतम सजा देने पर यह टिप्पणी की गई है कि अधिकतम सजा रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस में दी जाती है। इस केस में इसका कारण कोर्ट द्वारा नहीं बताया है।
दरअसल, यह मामला सिर्फ सजा को लेकर नहीं बल्कि अगर सुप्रीम कोर्ट में भी सजा बरकरार रहती, तो वे अगला लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त तय किया था। इसके पहले 15 मिनट में राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलील कि राहुल गांधी को जिन धाराओं में सजा दी गई है, वो मैक्सिमम है। साथ ही इसका कारण भी नहीं बताया गया।
राहुल गांधी को जो सजा दी गई है, वो अगर एक दिन भी कम होती तो वे सांसद बने रहते। अभी सजा मिल जाने के कारण वायनाड के लाखों लोगों ने अपना सांसद खो दिया है। सिंघवी की दलील यह भी है कि याचिकाकर्ता के सरनेम में तो मोदी है भी नहीं। उन्होंने बाद में अपने नाम में मोदी जोड़ा है।