CBSE News: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द होने से हजारों छात्रों और अभिभावकों के मन में कई सवाल हैं। खासकर बोर्ड परीक्षाओं के करीब होने से स्थिति और चिंताजनक हो गई है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि इस फैसले का छात्रों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा और बोर्ड ने उनके लिए क्या इंतजाम किए हैं।
CBSE News: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द, जानिए छात्रों के भविष्य पर क्या होगा असर?
CBSE News: क्या है सीबीएसई का पूरा फैसला और छात्रों के लिए निर्देश?
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने जयपुर स्थित नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई 1 नवंबर को इसी स्कूल की चौथी कक्षा की एक छात्रा द्वारा चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के गंभीर मामले के बाद की गई है, जिसके बाद छात्रा के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की शिकायत दर्ज कराई थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बोर्ड ने अपने कड़े कदम के साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
बोर्ड परीक्षाओं और अगली कक्षाओं पर असर
10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों को इस फैसले से चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। CBSE ने यह सुनिश्चित किया है कि ये छात्र फरवरी-मार्च 2026 में अपनी बोर्ड परीक्षाएं इसी स्कूल से दे पाएंगे। उनके स्कूल कोड, परीक्षा केंद्र और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पहले की तरह ही रहेंगी।
हालांकि, 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए नियम अलग हैं। नियम के अनुसार, वे इसी स्कूल से अगली कक्षा, यानी 10वीं या 12वीं में प्रमोट नहीं हो सकेंगे। ऐसे छात्रों को 31 मार्च 2026 तक CBSE से मान्यता प्राप्त किसी अन्य स्कूल में दाखिला लेना होगा। बोर्ड ने आश्वस्त किया है कि इन छात्रों को आस-पास के स्कूलों में आसानी से प्रवेश प्रक्रिया के तहत जगह मिल सकेगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि नीरजा मोदी स्कूल अब किसी भी नए छात्र को प्रवेश नहीं दे पाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
छोटी कक्षाओं, यानी पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर राजस्थान शिक्षा विभाग फैसला करेगा। राज्य सरकार यह तय करेगी कि स्कूल इन कक्षाओं को आगे चलाएगा या बच्चों को नजदीकी सरकारी या निजी स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
मान्यता रद्द करने के मुख्य कारण
बोर्ड की जांच रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में कई गंभीर खामियां पाई गईं। स्कूल परिसर में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरों की कमी थी, जिससे प्रभावी निगरानी व्यवस्था कमजोर थी। ऊपरी मंजिलों पर सुरक्षा जाल और रेलिंग जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं भी अपर्याप्त थीं। इसके साथ ही, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए स्कूल का परामर्श तंत्र भी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा था।
इस कार्रवाई पर मृतक छात्रा अमायरा के परिजनों ने सीबीएसई का आभार व्यक्त किया है। अमायरा के मामा साहिल ने कहा कि सीबीएसई पहला ऐसा संस्थान है जिसने इस पूरे मामले में ठोस कार्रवाई की है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि कक्षा एक से आठ की मान्यता चूंकि राजस्थान शिक्षा विभाग के अधीन आती है, इसलिए विभाग को भी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। उनका तर्क है कि जब कोई स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है, तो वह कक्षा 1 से 8 के बच्चों के लिए भी सुरक्षित नहीं हो सकता। लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें: आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।






