Chamoli Tunnel Accident: जिंदगी की रफ्तार जब सुरंग की दीवारों से टकराई, तो खामोश पहाड़ों में चीखों का शोर गूंज उठा। विकास की राह में छिपा यह हादसा एक बार फिर सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर रहा है।
उत्तराखंड: निर्माणाधीन सुरंग में भीषण टक्कर, 60 से अधिक घायल – Chamoli Tunnel Accident से दहला चमोली
मंगलवार देर रात उत्तराखंड के चमोली ज़िले में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब विष्णुगढ़–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की सुरंग के भीतर दो लोको ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई। इस भीषण हादसे में करीब 60 लोग घायल हो गए, जिनमें कई मजदूर और परियोजना से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।
यह घटना पीपलकोटी टनल के अंदर तब हुई जब एक ट्रेन श्रमिकों और अधिकारियों को लेकर जा रही थी, वहीं दूसरी ट्रेन निर्माण सामग्री ढो रही थी। दोनों ट्रेनें परियोजना क्षेत्र के भीतर ही संचालित की जा रही थीं। ज़िलाधिकारी गौरव कुमार के अनुसार, हादसे के वक्त कुल 109 लोग ट्रेन में सवार थे और सभी घायलों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। फिलहाल, सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य: Chamoli Tunnel Accident
मौजूदा जानकारी के अनुसार, 10 घायलों को ज़िला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती कराया गया है, जबकि 17 लोगों को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया है। एसपी चमोली सुरजीत सिंह ने बताया कि कुल 42 लोग ज़िला अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 4 से 5 लोगों को फ्रैक्चर की शिकायत है। प्रशासन और राहत दल मौके पर तैनात हैं और स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह हादसा विष्णुगढ़–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना के तहत बनी सुरंग में हुआ है, जो अलकनंदा नदी पर हेलंग और पीपलकोटी के बीच निर्माणाधीन है। यह 444 मेगावाट क्षमता की परियोजना है, जिसमें से 111 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है और इसके अगले वर्ष तक पूरा होने की संभावना है। इस तरह की बड़ी जलविद्युत परियोजना सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
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वहीं, घटना के बाद भारतीय रेलवे ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस हादसे का रेलवे से कोई संबंध नहीं है। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के मुताबिक, यह दुर्घटना परियोजना स्थल पर इस्तेमाल की जा रही स्थानीय ट्रॉली व्यवस्था के कारण हुई है और इसमें भारतीय रेलवे की कोई ट्रेन शामिल नहीं थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
फिलहाल, प्रशासन राहत और उपचार कार्य में जुटा हुआ है और हादसे के कारणों की गहन जांच की जा रही है। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जलविद्युत परियोजना सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



