बोकारो देशज टाइम्स। सांस्कृतिक शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम: ज्ञान की रोशनी से सजेगा हर कोना, जब संस्कृति का पाठ पढ़ाएंगे शिक्षक। इसी ध्येय को लेकर झारखंड में एक अनूठा पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए।सांस्कृतिक शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम: झारखंड की राजधानी रांची में सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), नई दिल्ली (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) और जेसीईआरटी, रांची, झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण पहल को अंजाम दिया गया। 19 से 24 दिसंबर 2025 तक टीवीएस मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय, जगन्नाथपुर में “पाठ्यक्रम शिक्षण में सांस्कृतिक तत्व” विषय पर पांच दिवसीय लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें कुल 84 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। शिक्षा क्षेत्र में सांस्कृतिक संसाधनों को एकीकृत करने, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नवीन शिक्षण पद्धतियों पर केंद्रित यह कार्यक्रम आज सिद्धि समारोह के साथ भव्य रूप से संपन्न हुआ।
सांस्कृतिक शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम: शिक्षा में सांस्कृतिक तत्वों का समावेश क्यों ज़रूरी?
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को इस बात के लिए सशक्त करना था कि वे किस प्रकार भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को अपने शिक्षण में समाहित कर सकें। समापन समारोह में मुख्य अतिथि जेसीईआरटी, रांची के निदेशक, शशि रंजन, IAS ने सीसीआरटी की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर को समर्पित है। उनका मानना था कि इस प्रशिक्षण से राज्य के शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपने शिक्षण में निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। उन्होंने सीसीआरटी के उपनिदेशक डॉ. राहुल कुमार की भी प्रशंसा की। श्री रंजन ने सांस्कृतिक मूल्यों को शिक्षा में समाहित करने की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों को बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता पर जोर दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
समापन समारोह: दिग्गजों की उपस्थिति ने बढ़ाई गरिमा
समापन समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुख्य अतिथि श्री शशि रंजन के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में सीसीआरटी, नई दिल्ली के उपनिदेशक डॉ. राहुल कुमार उपस्थित थे। सम्मानित अतिथियों में जेसीईआरटी के उपनिदेशक विन्ध्याचल पांडेय और रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज शामिल थे। डॉ. राहुल कुमार ने सीसीआरटी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे सांस्कृतिक संसाधनों का उपयोग शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बना सकता है।
उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। विन्ध्याचल पांडेय और बादल राज ने भी अपने विचार साझा किए और जिले स्तर पर इस प्रशिक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।आज के सिद्धि समारोह में प्रतिभागी शिक्षकों द्वारा तैयार की गई पाठ योजनाएं, क्राफ्ट और पेंटिंग का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त, तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने वाले 600 बच्चों के लिए भी विशेष प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। बच्चों ने ‘वंदे मातरम’ विषय पर आधारित विभिन्न भारतीय भाषाओं के गीत गाए, अभिनय किया और लोक नृत्य (पुरूलिया छाऊ) प्रस्तुत किया। सौरा चित्रकला, पेपर क्राफ्ट, मिट्टी का कार्य, चाक पर बर्तन बनाने, चित्रकला के माध्यम से कहानी कहने जैसी विविध कलाओं का भी बच्चों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।बच्चों द्वारा वंदे मातरम, थिएटर और छऊ नृत्य की विहंगम प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह कार्यक्रम शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी शिक्षकों और बच्चों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। सीसीआरटी के क्षेत्राधिकारी मिथुन दत्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, जबकि समस्त कार्यक्रम का संचालन सीसीआरटी के डीआरपी श्री अजय कुमार ठाकुर ने किया। राष्ट्रगान के साथ इस सफल आयोजन का समापन हुआ।



