मई,14,2024
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राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला, काफिले पर ताबड़तोड़ बरसाई गोलियां, बॉडीगार्ड की मौत

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बड़ी खबर है जहां राष्ट्रपति पर बुधवार सुबह जानलेवा हमला हुआ है। आतंकियों ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के काफिले की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या करने की कोशिश की है। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया (Deadly attack on President, bodyguard dead) पर वायरल हो रहा है।

जानकारी के अनुसार,इजरायल और हमास के बीच जंग अभी है इस बीच, फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की हत्या को कोशिश करते हुए हमलावर ने घातक हमला किया। जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि राष्ट्रपति के काफिले पर गोलियों चलाई जा रही है। जिसमें एक सुरक्षा कर्मी की भी मौत हो गई है।

गाजा में इजराइल और हमास युद्ध बीते एक महीने से चल रहा है। वहीं, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के खिलाफ आयोजित हत्या के प्रयास ने क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी है। तुर्किए टाइम्स के मुताबिक, कथित तौर पर वेस्ट बैंक में ‘संस ऑफ अबु जंदाल’ ने महमूद अब्बास को इजरायल के खिलाफ एक्शन लेने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया था।

इधर,अमेरिकी कांग्रेस ने मिशिगन की डेमोक्रेट सांसद रशीदा तलीब की निंदा की। इसके लिए बकायदा निंदा प्रस्ताव पर मतदान किया गया। अमेरिकी कांग्रेस ने इजराइल-हमास युद्ध के संबंध में बयानों के लिए कांग्रेस में एकमात्र फिलिस्तीनी-अमेरिकी प्रतिनिधि रशीदा तलीब को औपचारिक रूप से फटकार लगाई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाईस डेमोक्रेट प्रतिनिधियों में से अधिकांश प्रस्ताव के पक्ष में रिपब्लिकन के साथ खड़े नजर आए। प्रस्ताव के पक्ष में 234 और विरोध में 188 मत पड़े। इससे पहले एक नवंबर को अमेरिकी कांग्रेस में रशीदा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के विरोध में 222 मत और समर्थन में 186 मत पड़े। इस वजह से रशीदा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव बिना बहस के ही खारिज हो गया था।

रशीदा तलीब कई बार सार्वजनिक तौर पर फिलिस्तीन और हमास का समर्थन कर चुकी हैं। वह इजराइल का साथ देने के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना करने से भी पीछे नहीं हटीं। उन्होंने 18 अक्टूबर को हमास के समर्थन में जनसभा भी की थी।

उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन को ललकारते हुए कहा था कि नेतन्याहू की सहायता का फैसला समूचे अमेरिका का नहीं हो सकता। रशीदा तलीब का विरोध इजराइल तक सीमित नहीं है। वह इस्लामिक मुल्कों और इस्लामफोबिया के बारे में भी लगातार टिप्पणी करती रहती हैं।

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