रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज बिहार दौरे पर हैं। बिहार के रोहतास में रक्षा मंत्री ने जीएनएस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। राजनाथ ने कहा कि आज हमारा भारत बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि 2027 तक भारत दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाएगा। इस दौरान राजनाथ ने कहा कि छात्रों से देश के लिए कुछ नया करने की भी अपील की।
राजनाथ ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह है, शिक्षांत समारोह नहीं है। शिक्षा से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है, वहीं दीक्षा से हमें संस्कार की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि एक बार स्वामी विवेकानंद जी अमरीका के दौरे पर थे। वहां पर स्वामी जी की वेशभूषा देखकर एक व्यक्ति ने उनसे पूछा स्वामी जी आप अपने कपड़ों को बदल क्यों नहीं देते ताकि आप भी एक सज्जन की तरह दिखाई दे।
उन्होंने कहा कि आप चाहे कितने भी ज्ञानी क्यों न हों, लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए। अगर आप साथ मिलकर काम कर रहे हैं, यानी अगर आप (a+b) का whole square करेंगे, तो आपको a square तो मिलेगा ही, b square तो मिलेगा ही, साथ ही ‘2ab’ भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ संस्कार भी चाहिए। रावण राम से धनवान व ज्ञानी थे। आज रावण की पूजा नहीं होती, बल्कि संस्कारी राम की पूजा होती है।
सिंह ने कहा कि अहंकार से घातक कुछ भी नहीं है। अहंकार रहित जीवन जीने की कोशिश की जाए तो इसका फल सर्वोत्तम होगा।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद धर्म सभा में अमेरिका गए थे। किसी विदेशी ने उनको देखा और उन पर मुस्कराया। स्वामी विवेकानंद के वस्त्र पर वह हंसा।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि मिलकर चलने का जो परिणाम होगा, उससे कुछ अतिरिक्त अपने जीवन में अलग दिखेगा। दो लोग मिलकर काम करते हैं तो जो एनर्जी पैदा होती है, वह एक्स्ट्रा एनर्जी है।
इसलिए सबको साथ लेकर चलें। छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। अटल जी की यह उक्ति आज भी प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि छोटे मन के व्यक्ति को परमानंद की अनुभूति नहीं होती है। जितना मन को बड़ा रखोगे, उतना ही सुख व आनंद मिलेगा।
सिंह ने कहा कि हमारा देश सेक्युलर है, मैं भी मानता हूं। मंदिर और मस्जिद जाना धर्म नहीं है। इस ब्रह्मांड में जड़ व चेतन के अस्तित्व की सुरक्षा परिपालन की गारंटी व विकास व संवर्धन को हम धर्म कहते हैं।
दुनिया भर में सर्प को दूध नहीं मिलता, परंतु हम नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सात-आठ साल पहले स्टार्टअप की संख्या 500 के करीब थी, जो कि आज 95 हजार तक पहुंच गई है।
जो नई-नई तकनीकी दे रहे हैं। इनमें 100 यूनिकॉर्न कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें देश को और भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय भारत अमृत काल से गुजर रहा है। हमलोग 2047 तक भारत को विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र बनाकर खड़ा कर देंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों का अहम योगदान है। इस योग्यता तक पहुंचाने में जो शिक्षक का योगदान रहा है उसको भूलना नहीं चाहिए। जब मैं उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बनने के बाद कही जा रहा था तब मेरे शिक्षक मिले जिनका मैं पैर छुआ।
आप पढ़ाई करते है तो शिक्षकों का सिर्फ गुण देखो अवगुण नहीं। यह दीक्षांत समारोह नहीं है, दीक्षांत है। दीक्षांत से संस्कार का बोध होता है। आपने कभी पढ़ा होगा ‘इंफोसिस वर्सेज अलकायदा’, इसमें लिखा गया है, पढ़ने वाले सभी हैं लेकिन अपने पढ़ाई का सही उपयोग ही शिक्षा का संस्कार है।