Girls Hostel: देश की लाखों बेटियों के लिए केंद्र सरकार एक बड़ी योजना ला रही है, जिससे अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक उनकी पहुंच आसान हो जाएगी और पढ़ाई के लिए दूर जाने की समस्या खत्म होगी।
देश के हर जिले में खुलेंगे Girls Hostel: अब नहीं रुकेगी बेटियों की पढ़ाई
Girls Hostel योजना: बेटियों के लिए सुरक्षित भविष्य की नई राह
देश की लाखों बेटियों के लिए यह एक बड़ी और राहत भरी खबर है। अब सिर्फ इस वजह से किसी लड़की की पढ़ाई नहीं रुकेगी कि उसका कॉलेज घर से दूर है या रहने की सुरक्षित व्यवस्था नहीं है। केंद्र सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत देश के हर जिले में ऐसे सुरक्षित आवास बनाए जाएंगे। इसका सीधा फायदा ग्रामीण, दूरदराज और पिछड़े इलाकों की छात्राओं को मिलेगा, जो अब तक आवास की कमी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती थीं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सरकार का मानना है कि अगर बेटियों को पढ़ाई के लिए सुरक्षित और सुलभ रहने की सुविधा मिल जाए, तो वे कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक आसानी से पहुंच सकेंगी। खासकर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) जैसे विषयों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए यह योजना बेहद अहम मानी जा रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही वित्त मंत्रालय को भेजने की तैयारी है। माना जा रहा है कि साल 2026 के आम बजट में इस योजना की आधिकारिक घोषणा हो सकती है। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो देश के लगभग 700 से 800 जिलों में नए ऐसे आवास बनाए जाएंगे। इन आवासों को सामान्य महिला हॉस्टलों से अलग रखा जाएगा, ताकि विशेष रूप से कॉलेज जाने वाली छात्राओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
सरकारी पहल: देश के हर जिले में आवास सुविधा
इस महत्वपूर्ण योजना और शिक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए 26 से 28 दिसंबर के बीच दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की एक जरूरी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में सकल नामांकन अनुपात (GER) को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचाने और बीच में पढ़ाई छोड़ने वाली छात्राओं की संख्या को कम करने जैसे कई अहम बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे अपने-अपने स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं प्रस्तुत करें। इसमें कॉलेजों में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाने, नए कॉलेज खोलने और ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे सुझाव शामिल होंगे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें
शिक्षा मंत्रालय का यह भी मानना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाली कई होनहार छात्राएं सिर्फ सुरक्षित रहने की व्यवस्था न होने के कारण साइंस और इंजीनियरिंग जैसे महत्वपूर्ण कोर्स नहीं चुन पाती हैं। ऐसे आवास बनने से यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। जब छात्राओं को कॉलेज के पास सुरक्षित आवास मिलेगा, तो वे बिना किसी डर या चिंता के STEM जैसे चुनौतीपूर्ण लेकिन करियर बनाने वाले विषयों की पढ़ाई कर सकेंगी। इसके साथ ही सरकार STEM कोर्सों की संख्या बढ़ाने और छात्राओं को इन विषयों के लिए प्रोत्साहित करने पर भी लगातार काम कर रही है।
बैठक में इस बात पर भी विशेष जोर दिया जाएगा कि आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याओं के कारण होने वाले ड्रॉपआउट को कैसे प्रभावी ढंग से रोका जाए। हॉस्टल सुविधा मिलने से विशेषकर उन छात्राओं को बहुत फायदा होगा, जिनके परिवार उन्हें दूर भेजने से हिचकते हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2035 तक छात्राओं का नामांकन 50 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए। फिलहाल यह आंकड़ा करीब 29 प्रतिशत है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस बड़े अंतर को कम करने में सुरक्षित आवासों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।



