बिहार के नए राज्यपाल सह सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने अपने विश्वविद्यालयोें में कार्यरत कर्मियों और शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। अपने कम समय के कार्यकाल में ही उन्होंने विश्वविद्यालयों पर जिस गहराई से नजर दौड़ाई है कर्मियों और शिक्षकों की परेशानी जाना है, शैक्षणिक माहौल में बदलाव (improve the universities with the new system) के संकेत दिए हैं। इसकी चहुंओर चर्चा है।
मगर सबसे बड़ी खबर यह है कि पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों (University) के शिक्षकों और कर्मचारियों अब सेवानिवृत्ति के दो महीने पहले ही पेंशन के कागजात तैयार हो जाएंगें। यानी अब अब रिटायरमेंट के बाद पेंशन और सेवांत लाभ के लिए चक्कर नहीं लगाना होगा।
साथ ही नोडल अधिकारी अब पेंशन और सेवांत लाभ के भुगतान और लंबित मामलों के निष्पादन से जुड़ी रिपोर्ट प्रतिदिन राजभवन सचिवालय को ई-मेल के जरिए से भेजेंगे। इतना ही नहीं, राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को हर दिन की प्रगति रिपोर्ट राजभवन भेजने का निर्देश देते कहा है कि अब सीधे इस पर राजभवन नजर रखेगा।
इसके तहत राजभवन के संयुक्त सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता ने सभी विवि को पत्र जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षक और कर्मचारी जिस तारीख को रिटायर होने वाले हो, उससे दो महीने पहले ही उनकी पेंशन और सेवांत लाभ के कागजात तैयार करते हुए सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद लाभार्थियों को दोनों तरह का भुगतान करें।
वहीं, पत्र में संयुक्त सचिव ने सभी लंबित मामले निपटाने के लिए नई व्यवस्था अपनाने का गाइडलाइन भी दिया है। अब, पेंशन और सेवांत लाभ के लिए विवि में बने कोषांग के नोडल अधिकारी लंबित मामलों का निबटारा आवेदन मिलने के पंद्रह दिनों के अंदर सबकुछ का निष्पादन करेंगे।
दरअसल, पिछले दिनों कुलपतियों के साथ बैठक में पेंशन और सेवांत लाभ के लंबित मामलों पर कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद यह कार्रवाई हुई है।