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दिसम्बर, 30, 2025

भारत की प्रगति का नया अध्याय: ‘India Reforms’ ने गढ़ी सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की नींव, PM Modi ने बताया ऐतिहासिक वर्ष, चमकेगा देश का भविष्य

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India Reforms: विकास की एक्सप्रेस पर सरपट दौड़ रहा भारत, 2025 को पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक वर्ष, चमकेगा देश का भविष्य।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को साल 2025 को भारत के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बताया। उनका कहना था कि देश कराधान, श्रम, व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा और ग्रामीण रोजगार सहित कई क्षेत्रों में व्यापक सुधारों के साथ प्रगति की तीव्र गति पर सवार हो गया है। पीएम मोदी ने दृढ़ता से कहा कि भारत ने सुधार की रफ्तार पकड़ ली है, और 2025 में विभिन्न क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व सुधारों ने हमारी विकास यात्रा को नई गति प्रदान की है। ये सुधार एक विकसित भारत के निर्माण के हमारे प्रयासों को भी सशक्त बनाएंगे।

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गति पकड़ती India Reforms: PM मोदी का विजन और सुनहरे भविष्य का रोडमैप

एक विस्तृत लिंक्डइन पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुधारों को एक सतत राष्ट्रीय मिशन के रूप में आगे बढ़ाया गया है, जो पिछले 11 वर्षों की प्रगति पर आधारित है। उन्होंने लिखा, ‘हमने संस्थानों का आधुनिकीकरण किया, शासन को सरल बनाया और दीर्घकालिक, समावेशी आर्थिक विकास की नींव को मजबूत किया।’ आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रमुख उपायों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में परिवर्तन शामिल था, जिसमें विवादों को कम करने और अनुपालन में सुधार लाने के लिए 5% और 18% की सरल दो-स्तरीय संरचना लागू की गई।

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मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत मिली क्योंकि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को अब आयकर नहीं देना होगा, जबकि 1961 के पुराने आयकर अधिनियम को आयकर अधिनियम, 2025 से प्रतिस्थापित कर दिया गया है। लघु और मध्यम व्यवसायों को भी इसका लाभ मिला क्योंकि लघु कंपनियों की परिभाषा का विस्तार करके इसमें 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली फर्मों को शामिल किया गया, जिससे उनके लिए अनुपालन आसान हुआ और परिचालन लागत में भी कमी आई।

निवेश, व्यापार और श्रम क्षेत्र में बड़े बदलाव

सरकार ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। पूंजी बाजारों में, निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करने, शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने और प्रौद्योगिकी आधारित प्रणालियों के माध्यम से अनुपालन को सरल बनाने के लिए प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक पेश किया गया।

पांच नए समुद्री कानून पारित किए गए, जिनसे रसद व्यवस्था का आधुनिकीकरण हुआ और लागत में कमी आई। जन विश्वास पहल के तहत, अनावश्यक अपराधीकरण को समाप्त करने के लिए 71 पुराने कानूनों को निरस्त किया गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। श्रम सुधारों के तहत 29 पुराने कानूनों को चार आधुनिक श्रम संहिताओं में विलय कर दिया गया, जिससे सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हुई और महिला कार्यबल की भागीदारी को प्रोत्साहन मिला।

वैश्विक व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में कदम

भारत ने न्यूजीलैंड, ओमान और ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते किए और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को भी सफलतापूर्वक लागू किया, जिससे भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच और निवेश के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और देश के आर्थिक विकास को बल मिला है। परमाणु ऊर्जा का जिम्मेदारीपूर्वक विस्तार करने, निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने और देश की बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शांति अधिनियम पेश किया गया। ग्रामीण रोजगार गारंटी को ग्राम विकास अधिनियम, 2025 के तहत 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है ताकि गांवों के बुनियादी ढांचे और आजीविका को मजबूत किया जा सके।

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शिक्षा के क्षेत्र में, यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई जैसे कई निकायों के स्थान पर एक एकल उच्च शिक्षा नियामक की योजना बनाई जा रही है, जिससे संस्थागत स्वायत्तता, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

नियंत्रण से विश्वास की ओर: नागरिक केंद्रित शासन का मॉडल

सुधारों के पीछे के दर्शन को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये सुधार संवेदनशीलता के साथ तैयार किए गए हैं, जिनमें छोटे व्यवसायों, युवा पेशेवरों, किसानों, श्रमिकों और मध्यम वर्ग की वास्तविकताओं को ध्यान में रखा गया है… ये हमारे एक दशक से चले आ रहे उन प्रयासों को गति प्रदान करते हैं जिनके तहत हम नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था से हटकर विश्वास पर आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें नागरिक को केंद्र में रखा गया है।’ आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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