Billionaires: साल 2025 अब खत्म होने को है, और यह वर्ष भारतीय उद्योगपतियों के लिए एक रोलरकोस्टर राइड साबित हुआ है। एक ओर जहां वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, शेयर बाजार की तेज उठापटक, अमेरिकी और अन्य देशों के उच्च टैरिफ तथा क्षेत्रीय दबावों ने कुछ दिग्गजों की संपत्ति में बड़ी गिरावट दर्ज कराई, वहीं कुछ चुनिंदा अरबपतियों के लिए यह साल वरदान साबित हुआ। उनकी नेटवर्थ में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली, जो सही रणनीति और अनुकूल बाजार स्थितियों का परिणाम था। यह वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलेपन और कारोबारी जगत की गतिशीलता का एक जीता-जागता प्रमाण है, जहां चुनौतियां भी थीं और बड़े अवसर भी।
अरबपति: किसने मारी बाजी, किसे लगा झटका?
साल 2025 में जिन भारतीय अरबपतियों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा, उनमें आरजे कॉर्प के चेयरमैन रवि जयपुरिया का नाम सबसे ऊपर है। टैक्स संबंधी बढ़ती चिंताएं और बेवरेज सेक्टर में तीव्र प्रतिस्पर्धा ने उनकी कंपनियों पर लगातार दबाव बनाए रखा, जिसका सीधा असर उनकी कुल संपत्ति पर पड़ा। रियल एस्टेट सेक्टर की धीमी गति का खामियाजा डीएलएफ के के.पी. सिंह और लोधा ग्रुप के मंगल प्रभात लोढ़ा को भी भुगतना पड़ा। बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की बिक्री में सुस्ती और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में कमजोरी ने उनकी नेटवर्थ में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज कराई। इसके साथ ही, आईटी और फार्मा सेक्टर में वैश्विक दबाव के कारण साइरस पूनावाला, अजीम प्रेमजी, शिव नादर और दिलीप सांघवी जैसे दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्ति में भी कमी आई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
दूसरी ओर, साल 2025 कुछ अरबपतियों के लिए बेहद शानदार रहा। इस सूची में स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल का नाम अग्रणी है, जो 2025 के टॉप गेनर्स में शुमार रहे। ArcelorMittal के शेयरों में मजबूती, बेहतरीन कारोबारी प्रदर्शन और यूरोप की अनुकूल व्यापार नीतियों का उन्हें बड़ा फायदा मिला, जिससे उनकी संपत्ति में जबरदस्त उछाल आया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की संपत्ति में भी इजाफा हुआ। टेलीकॉम, रिटेल और एनर्जी सेक्टर में उनके समूह के शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया। इसी कड़ी में, रॉयल एनफील्ड की मजबूत बिक्री और निर्यात में वृद्धि के चलते आयशर मोटर्स के संस्थापक विक्रम लाल के लिए भी यह साल अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।
रणनीतिक निवेश और बढ़ता विश्वास
इसके अतिरिक्त, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल, उद्योगपति नुस्ली वाडिया और बैंकिंग सेक्टर की दिग्गज शख्सियत उदय कोटक जैसे नाम भी उन अरबपतियों में शामिल रहे, जिनकी संपत्ति में साल 2025 के दौरान अच्छा इजाफा हुआ। यह वर्ष दर्शाता है कि मजबूत रणनीति, सही सेक्टर चयन और अनुकूल नीतियों का लाभ उठाने वाले उद्योगपतियों ने इस बदलते आर्थिक परिदृश्य में भी सफलता के झंडे गाड़े।
गौतम अडानी और उनके समूह के लिए साल 2025 मिला-जुला लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा। एक ओर जहां समूह को वैश्विक जांच और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर कई बड़े और अहम कदमों ने अडानी समूह की दीर्घकालिक विकास कहानी को मजबूती दी। वर्ष 2025 के दौरान समूह ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड जैसे रणनीतिक अधिग्रहण किए, जिससे पावर सेक्टर में उसकी स्थिति और सशक्त हुई। अडानी एयरपोर्ट्स के तहत संचालित हवाई अड्डों पर रिकॉर्ड यात्री संख्या दर्ज की गई, जिसने एविएशन बिजनेस में समूह की मजबूत पकड़ को दर्शाया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसके अलावा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, डेटा सेंटर, ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्षेत्रों में 15 से 20 अरब डॉलर के बड़े निवेश की घोषणाओं ने निवेशकों और बाजार को स्पष्ट संकेत दिया कि अडानी समूह भविष्य के विकास पर आक्रामक लेकिन योजनाबद्ध तरीके से फोकस कर रहा है। सबसे अहम बात यह रही कि अमेरिकी एजेंसियों की जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद अडानी समूह को लेकर बनी अनिश्चितता काफी हद तक दूर हुई, जिससे समूह की साख और भविष्य की संभावनाओं को लेकर बाजार का भरोसा दोबारा मजबूत हुआ। कुल मिलाकर, 2025 अडानी समूह के लिए चुनौतियों और अवसरों का संतुलित साल रहा, जिसने आगे के वर्षों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
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