Kerala Local Body Elections: सियासी रणभूमि में हर वोट एक तीर है, जो नतीजों का रुख तय करता है। केरल में भी स्थानीय निकायों के लिए बिछी चुनावी बिसात पर अब कौन बाजी मारेगा, इसकी तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है।
केरल स्थानीय निकाय चुनाव: कांटे की टक्कर में फंसा त्रिकोणीय मुकाबला, LDF, UDF, NDA के बीच कौन मारेगा बाजी?
केरल स्थानीय निकाय चुनाव: प्रारंभिक रुझानों में कांटे की टक्कर
दो चरणों में हुए इन चुनावों के लिए मतगणना जारी है, और शुरुआती रुझानों में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ), संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। 9 और 11 दिसंबर को संपन्न हुए इन चुनावों में राज्य के 604 स्थानीय निकायों के 12,931 वार्डों में प्रतिनिधियों का चयन होना है। मतदान शांतिपूर्ण रहा, जिसमें मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन, तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर, श्यामा मोहम्मद और निलंबित विधायक राम ममूथली जैसी प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतगणना केंद्रों पर सुबह से ही गहमागहमी जारी है और जैसे-जैसे मतपेटियां खुल रही हैं, उत्सुकता बढ़ती जा रही है। पहले चरण का मतदान तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम जैसे सात जिलों में हुआ था। इन जिलों के 595 स्थानीय निकायों के 11,167 वार्डों में कुल 36,620 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। केरल चुनाव परिणाम इन उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे।
केरल स्थानीय निकाय चुनाव: मतदाता और उम्मीदवार एक नजर में
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, आगामी 2025 के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए केरल में कुल 2,86,62,712 मतदाता दर्ज हैं। इनमें 1,35,16,923 पुरुष, 1,51,45,500 महिलाएं और 289 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, अनिवासी मतदाता सूची में 3,745 मतदाताओं को सूचीबद्ध किया गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। राज्य में कुल 941 ग्राम पंचायतों के 17,337 वार्डों, 87 नगरपालिकाओं के 3,240 वार्डों और छह नगर निगमों (तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, कन्नूर) के 421 वार्डों में चुनाव होंगे। प्रत्येक जिले में पुरानी ग्राम पंचायतों, नगरपालिकाओं और नगर निगमों का एक संतुलित मिश्रण है, जिससे स्थानीय स्वशासन की गहरी जड़ें दिखती हैं। इन केरल चुनाव परिणाम का सीधा असर राज्य की स्थानीय राजनीति पर पड़ेगा।
गठबंधन की समग्र स्थिति पर एक नज़र
मतगणना के ताजा रुझान बता रहे हैं कि तीनों प्रमुख गठबंधन – यूडीएफ, एलडीएफ और एनडीए – एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। कहीं यूडीएफ आगे है तो कहीं एलडीएफ अपनी बढ़त बनाए हुए है, जबकि एनडीए भी कुछ जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अंततः कौन सा गठबंधन बहुमत का आंकड़ा छू पाता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। चुनावी नतीजों की विस्तृत जानकारी के लिए बने रहें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


