मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विधान परिषद के कबीर वाटिका में नवनिर्मित 200वां सत्र स्मृति-स्तंभ का अनावरण किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महागठबंधन सरकार के विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह पर जारी वारंट की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय सिंह पर वारंट जारी होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही मिल रही है।
जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार में मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार भले हो गया हो, लेकिन इस मंत्रिमंडल में कार्तिकेय सिंह ने कानून मंत्री के तौर पर शपथ ली। जिस दिन राजद विधायक और अब कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह ने शपथ ली, उसकी दिन यानी 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था।
दरअसल, साल 2014 में राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है। उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था लेकिन वे उस दौरान शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। इस पूरे विवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। किडनैपिंग केस में घिरे कार्तिकेय सिंह को लेकर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि उनके ऊपर लगे आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
वहीं जब इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में पता करूंगा फिर जवाब दे सकूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 200वां सत्र पूरा होने पर उसमें जितने लोग शामिल थे, उन सभी का इस स्मृति-स्तंभ में नामकरण किया गया है। बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस कार्य को कराया है। इस स्मृति स्तंभ पर बिहार विधान परिषद के 200वें सत्र में शामिल सदस्य के रूप में अवधेश नारायण सिंह, नीतीश कुमार, राबड़ी देवी, नवल किशोर यादव, देवेश चंद्र ठाकुर, उपेंद्र कुशवाहा, नीरज कुमार, वीरेंद्र नारायण यादव, सर्वेश कुमार सहित सभी विधानपरिषद सदस्यों का नाम अंकित है।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, वित्त और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्तिकेय सिंह के कानून मंत्री के रूप में शपथ लेने से बिहार की सियासत गरमा गई है। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि जंगलराज वापस लौट आया है। भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार सब जानते थे लेकिन फिर भी कार्तिकेय को कानून मंत्री बनाया।
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कार्तिकेय सिंह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन कानून मंत्री को कोर्ट में सरेंडर करना था, उन्हें राजभवन कैसे पहुंचा दिया गया। कार्तिकेय सिंह, बाहुबली अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को ये सब रोकना चाहिए। कार्तिकेय के खिलाफ जो वारंट है, वह फर्जी कागज नहीं है। नीतीश कुमार लालू यादव की दया पर सीएम बने हैं। ये जो नए मंत्री बने हैं, इनमें कई लोग बाहुबली हैं। मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ दिनों में ये लोग बाहुबली मंत्री और नेताओं को क्लीनचिट दे देंगे। नीतीश कुमार को इन मंत्रियों को बर्खास्त करना चाहिए।