समस्तीपुर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कलेक्ट्रेट्र परिसर से शराब की खाली बोतलें पाई गईं। समस्तीपुर में कलेक्ट्रेट परिसर से शराब की खाली बोतलें मिली हैं। जैसे ही यह मामला सामने आया हड़कंप मच गया। सवाल यह कि आखिर सूबे में 2016 से शराबबंदी लागू है।
जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर से सामने आया है जो काफी चौंकाने वाला है। समस्तीपुर के कलेक्टरेट परिसर से शराब की बोतलें बरामद की गई हैं। जिसके बाद से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
शराब के खाली बोतलों की बरामदगी को लेकर समस्तीपुर के उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं मिली है, जो भी जानकारी उन्हें मिली है वह मीडिकर्मियों की ओर से ही मिली है। हालांकि, उन्होंने मामले की जांच कर कार्यवाई की बात कही है लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि जांच कबतक पूरी होगी और दोषी के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर के कलेक्टरेट परिसर में ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई मिली है। जिसके बाद से जिला के प्रशासनिक तंत्र में भी हड़कंप मचा हुआ है। सबसे बड़ी बात ये है कि जिस परिसर में डीएम, एसपी से लेकर जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी बैठते हैं, वहां शराब की बोतल कहां से आई।
इस बात की भी आशंका जताई जा रही है है कि परिसर तक शराब की बोलत पहुंचने में जरुर किसी बड़े अधिकारी की संलिप्तता है। क्योंकि ऐसी जगह जहां कई बड़े प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं और सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम रहता है वहां शराब की बोतल का पहुंच पाना आसान नहीं है।
शराबबंदी होने के बाद भी सरकारी कार्यालय के परिसर से शराब की बोतल का मिलने का मामला काफी गंभीर है। लेकिन इस बारे में उत्पाद अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार चौधरी से सवाल किया गया तो उनका जवाब और भी चौंकाने वाला मिला। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मीडिया की ओर से जानकारी मिली है जिसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।