मधेपुरा। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) को अपनी ड्यूटी के दौरान अनिवार्य रूप से यूनिफॉर्म में रहना होगा। इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य कर्मियों में अनुशासन और पहचान को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) के लिए ड्रेस कोड को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, एएनएम को कार्यस्थल पर अपनी निर्धारित वर्दी पहनना अनिवार्य होगा। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में पेशेवरता और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्यों ज़रूरी है यूनिफॉर्म?
विभाग का मानना है कि यूनिफॉर्म पहनने से न केवल स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को भी उन्हें पहचानने में आसानी होगी। अक्सर देखा जाता था कि बिना यूनिफॉर्म के स्टाफ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। यूनिफॉर्म, किसी भी पेशे में अनुशासन और गंभीरता का प्रतीक होती है। स्वास्थ्य सेवाओं जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह मरीज और स्टाफ के बीच विश्वास को मजबूत करती है और कार्यस्थल पर एक पेशेवर माहौल बनाने में मदद करती है।
सिविल सर्जन कार्यालय से जारी निर्देश में साफ कहा गया है कि यदि कोई एएनएम बिना यूनिफॉर्म के ड्यूटी पर पाई जाती है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस सख्ती का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि निर्देशों का कड़ाई से पालन हो।
मरीजों को मिलेगी आसानी
यूनिफॉर्म के चलते मरीजों और उनके परिजनों को यह पता लगाना आसान होगा कि अस्पताल में कौन से कर्मचारी ड्यूटी पर हैं और उनकी क्या भूमिका है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ेगा और शिकायत निवारण में भी सुविधा होगी। यह पहल स्वास्थ्य विभाग की छवि सुधारने और सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एएनएम प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ होती हैं, और उनकी पेशेवर उपस्थिति से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊपर उठेगा।



