नवादा से इस वक्त की बड़ी खबर है जहां, मिर्जापुर मोहल्ले में एक सगे चाचा ने अपने ही मासूम भतीजे को चंद रुपए की खातिर बेच दिया। छह माह के मासूम इस बच्चे को पहले चाचा ने ही अपहरण कर लिया। फिर जाकर उसे डेढ़ लाख में बेच दिया। तत्काल पुलिस ने दो दिनों में बच्चे को बरामद करते हुए अपहरणकर्ता चाचा और खरीददार लिपिक को गिरफ्तार कर लिया। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार गत चार अक्टूबर को अपहृत बच्चे के पिता ने नगर थाना में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने अनुसंधान जैसे ही शुरू किया बच्चे के चाचा गया डोभी के कामता प्रसाद के पुत्र चंदन वर्मा गया को झारखंड के पतरातू से गिरफ्तार कर लिया। उसने शुक्रवार को पूछताछ में बताया कि बच्चे को बर्धमान मेडिकल कॉलेज पावापुरी में गार्ड का काम करने वाले प्रवीण कुमार को दिया है।
जहां से प्रवीण ने प्रवीण ने बच्चे को पावापुरी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले लिपिक शिवकांत माली के पुत्र विश्वजीत कुमार को दिया है। लिपिक शिवकांत निःशंतान थे। इसलिए बच्चे को खरीदा था। शिवकांत कटिहार जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छिंदवारी गांव के निवासी हैं। पुलिस ने शिवकांत के पावापुरी आवास से बच्चे को बरामद करते हुए दंपती शिवकांत और उसकी पत्नी सलोनी कुमारी को भी गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी चाचा चंदन कुमार बच्चे को बाहर खेलाने के लिए ले गया था। इसके बाद वह बच्चे को लेकर शहर से बाहर चला गया। इस बीच स्वजन बच्चे की खोजबीन करने लगे। देर तक कुछ पता नहीं चला तो पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद पुलिस इस घटना की तफ्तीश में निरंतर लगी हुई थी। इसी कड़ी में उसके आरोपित चाचा चंदन कुमार को झारखंड के रामगढ़ के आस पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने सारी जानकारी दी।
बहरहाल पुलिस ने मासूम बच्चे को ख़रीदने वाले आरोपी लिपिक और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर नवादा लाई है। आरोपित चाचा भी पुलिस हिरासत में है। फिलहाल पुलिस ने बच्चे की देखरेख के लिए बरामद बच्चे को उसके माता- पिता को सुपुर्द कर दिया है।
गिरफ्तार तीनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बच्चे की सकुशल बरामदगी से उसके माता-पिता खुश हैं। वहीं, बच्चे की चाहत में गैरकानूनी कृत्य ने एक दंपती को जेल की चहारदीवारी के अंदर पंहुचा दिया। आगे पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।