भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को लगातार छठी बार रेपो रेट में 25 बेसिक पॉइंट से 6.50% की तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी की है। आरबीआई की रेपो दर में हुई इस वृद्धि के बाद, बैंकों को कार लोन और होम लोन में ब्याज दर बढ़ाने की उम्मीद (Now car and home loan will be costlier) है।
रेपो रेट आरबीआई द्वारा चार्ज की जाने वाली ब्याज दर है। जब बैंक अपनी संपत्ति को केंद्रीय बैंक को देकर उधार लेते हैं। मूल रूप से, यह आरबीआई द्वारा लगाया जाने वाला ब्याज है जब बैंक इससे उधार लेते हैं। ठीक उसी तरह जैसे बैंक आपसे कार ऋण या गृह ऋण के लिए ब्याज वसूलते हैं। मौजूदा रेपो रेट 6.25% है जो की आज बढ़कर 6.50% हो गई है। पढ़िए इसका क्या होगा असर
बैंक की ब्याज दरों में वृद्धि का सीधा असर लोन लेने वालों और बैंक जमाकर्ताओं पर पड़ेगा। रेपो रेट में वृद्धि के बाद, बैंक अपने खुदरा लोन पर ब्याज दर में वृद्धि करेंगे। ऋण की ब्याज दर में वृद्धि के बाद, ईएमआई बढ़ जाएगा। देखने की बात ये होगी की फरवरी में नीतिगत दर में बढ़ोतरी का फायदा बैंक अपनी एफडी पर कितना देते हैं।
अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में, केंद्रीय बैंक ने 50 बीपीएस की लगातार तीन बार वृद्धि करने के बाद प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर (रेपो) को 35 आधार अंकों (बीपीएस) से बढ़ा दिया। पिछले साल मई से, आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की थी। इसका कारण ज्यादातर बाहरी मुद्दे रहे।
खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आई दिक्कतें मुद्रास्फीति का एक अहम कारण रही हैं। आप को बता दें कि फिलहाल रेपो रेट 6.25 फीसदी है। FY23 के लिए, मई में RBI की पहली दर वृद्धि 40 बीपीएस थी, इसके बाद जून से अक्टूबर के बीच 50 बीपीएस की लगातार तीन दर में बढ़ोतरी हुई, और फिर दिसंबर नीति में 35 बीपीएस तक नरमी आई।