दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। सदर थाना में पदस्थापित हंस कुमार पर कार्रवाई के बदले पुलिस के आलाधिकारी मामले को इति श्री करने में जुटे हैं। इसी का नतीजा है कि दो वर्षों से कागजी घोड़ा फुदक रहा है। लेकिन, कार्रवाई नदारद है।
कार्रवाई नहीं होने की वजह आप ढूंढेंगे तो आपको भी चक्कर आ जाएगा। आखिर, कार्रवाई क्यों नहीं हुई? एक तरफ तात्कालीन एसएसपी बाबू राम ने 22 मई 21 को ही आईजी को पत्र के माध्यम से कहा कि सअनि हंस कुमार का आचरण घोर अनुशासनहीनता, मनमानी, भ्रष्ट आचरण एवं अयोग्य पुलिस अधिकारी होने का परिचायक है।
यही नहीं, उन्होंने अपने पत्र में अग्रतर कार्रवाई के लिए विभागीय जांच (कार्यवाही) 64/17 के विरुद्ध हंस कुमार की मूल संचिका पेज 1 से लेकर 162 तक एवं आदेश फलक 1 से लेकर 20 तक आईजी के पास पत्र लिखते हुये पूरे मामले से अवगत कराया था। आईजी को पत्र भेजकर उन्होंने वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। बावजूद, आईजी की ओर से कार्रवाई नहीं की गई।
अब बिहार पुलिस मुख्यालय (कार्मिक एवं कल्याण विभाग) के पुलिस उप महानिरीक्षक (प्रशासन) ने मिथिला क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक को पूरे मामले को लेकर पत्र भेजा है। 21 मार्च 23 को भेजे पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि सअनि हंस कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निष्पादन के लिए पूर्व में कई स्मार पत्र आपको भेजा गया है। इस संबंध में कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई है।
पत्र में क्या लिखा गया है इस संबंध में पत्र में लिखा गया है कि कालबद्ध तरीके से निष्पादित करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्रांक 12196 के तहत बहुत पूर्व ही आपको आदेशित किया चुका है। इसके बावजूद, आपकी ओर से विभागीय कार्यवाही का निष्पादन संतोषप्रद नहीं है, जो अत्यंत ही खेदजनक है।
उन्होंने यह भी लिखा है कि मुख्यालय की ओर से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी कई बार चर्चा की गई है। उन्होंने कहा है कि विभागीय कार्यवाहियों में सभी कार्यवाही पूर्ण कर संबंधित को निर्देशित कर कृत कार्रवाई के अनुपालन प्रतिवेदन से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराने की कृपा प्रदान करें।
इस पत्र की प्रति दरभंगा के एसएसपी को भी दी गई है। अब इस पूरे प्रकरण में एसएसपी पर निर्भर है कि ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी के विरुद्ध वह कार्रवाई करेंगे या मामले को इतिश्री कर देंगे।