राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा लाल किले में हुए घातक बम विस्फोट मामले की गहन जांच जारी है। इस मामले में विशेष अदालत ने दो प्रमुख आरोपियों की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है। आतंकवाद विरोधी एजेंसी इस हमले के पीछे की गहरी और व्यापक साजिश को सुलझाने में जुटी हुई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने एनआईए को आरोपी यासिर अहमद डार की दस दिन की अतिरिक्त हिरासत प्रदान की है, जबकि डॉ. बिलाल नसीर मल्ला से आठ दिनों तक और पूछताछ करने की अनुमति दी गई है।
अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को स्वीकार किया कि आतंकी नेटवर्क की शेष कड़ियों का पता लगाने और अब तक एकत्र की गई सामग्री को सत्यापित करने के लिए निरंतर हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। एनआईए का मानना है कि इन आरोपियों से मिलने वाली जानकारी से मामले में कई नई परतें खुल सकती हैं।
एनआईए के अनुसार, बीते 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए कार बम विस्फोट की पूरी योजना उमर-उन-नबी ने बनाई थी। हमले के समय वह विस्फोटक से भरी गाड़ी चला रहा था। इस भीषण विस्फोट में 15 बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी, वहीं दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। उमर-उन-नबी की बाद में उसी विस्फोट में मौत हो गई थी, और फोरेंसिक जांच ने उसकी पहचान की पुष्टि कर दी है।
डॉ. मल्ला को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है, और एजेंसी ने उन्हें मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक बताया है। एनआईए का आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर उमर-उन-नबी को पनाह दी और हमले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में भी मदद की थी। इसके अलावा, उन्होंने आतंकी गतिविधि के लिए रसद संबंधी सहायता भी प्रदान की थी। 18 दिसंबर को नौवें आरोपी के रूप में गिरफ्तार किए गए डार जम्मू और कश्मीर के निवासी हैं और उमर-उन-नबी के बेहद करीबी सहयोगी बताए जाते हैं। हमारी “NIA investigation” में यह भी सामने आया है कि इन आरोपियों की भूमिका कई स्तरों पर फैली हुई थी।
जांच में अब तक कुल नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें चिकित्सक डॉ. मुज़म्मिल गनई, डॉ. अदील अहमद राथर और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों से आतंकी मॉड्यूल के संगठित और गुप्त स्वरूप का खुलासा हुआ है। यह दिखाता है कि कैसे एक पेशेवर तरीके से इस साज़िश को अंजाम देने की कोशिश की गई थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
इसी से संबंधित एक अन्य घटनाक्रम में, पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष एनआईए न्यायालय ने हाल ही में कई अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। हिरासत में लिए गए लोगों में अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के डॉ. शाहीन सईद, पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) के डॉ. मुज़म्मिल गनई, आमिर राशिद अली, जसिर बिलाल वानी उर्फ दानिश, सोयब और मुफ्ती इरफान अहमद वागे शामिल हैं। इन सभी को पिछली हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद न्यायालय में पेश किया गया था। यह दर्शाता है कि “NIA investigation” अभी भी कई पहलुओं पर काम कर रही है।
एनआईए का आरोप है कि आमिर राशिद अली ने हमले में इस्तेमाल की गई हुंडई आई20 कार की खरीद में मदद की थी, जिसे बाद में वाहन में रखे जाने वाले तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) में परिवर्तित किया गया था। एक अन्य आरोपी जसिर बिलाल वानी उर्फ दानिश पर आतंकी तैयारियों के तहत ड्रोन में बदलाव करने और रॉकेट बनाने का प्रयास करने सहित मॉड्यूल को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने का आरोप है। एजेंसी ने बताया है कि जसिर ने हमले की योजना बनाने में उमर-उन-नबी के साथ मिलकर काम किया था। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर है, और आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



