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21 जून, 2024
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गुलाम नबी कांग्रेस से ‘आजाद’, सभी पदों से दिया इस्तीफा, बोला-राहुल पर जमकर हमला, रिमोट कंट्रोल मॉडल ने पार्टी को बर्बाद किया

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी संगठन के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वह कुछ समय से कांग्रेस हाईकमान (Ghulam Nabi Azad Quits Congress) से नाराज चल रहे थे।

जानकारी के अनुसार, इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। गुलाम कांग्रेस संगठन के बड़े पदों पर काम कर चुके है। वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के साथ काम कर चुके हैं। जी-23 के सक्रिय सदस्य आजाद कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। आजाद का यह इस्तीफा ऐसे समय हुआ है जब कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने जा रही है। उसे अपने लिए नया अध्यक्ष भी चुनना है।गुलाम नबी कांग्रेस से 'आजाद', सभी पदों से दिया इस्तीफा, बोला-राहुल पर जमकर हमला, रिमोट कंट्रोल मॉडल ने पार्टी को बर्बाद कियाउन्होंने कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष पद को भी छोड़ दिया था। आजाद जी-23 गुट के मुखिया हैं। आजाद ने कहा है-‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के सही के लिए लड़ने के लिए एआईसीसी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में इच्छाशक्ति और क्षमता दोनों खो दी है। वास्तव में, भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले नेतृत्व को पूरे देश में कांग्रेस जोड़ो एक्सरसाइज करना चाहिए था। इसलिए बड़े खेद और अत्यंत भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।’

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस से जुड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि छात्र जीवन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित हुआ था। उन्होंने लिखा है कि 1975-76 में संजय गांधी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था। आजाद ने लिखा है कि उन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव के दशकों तक पार्टी की सेवा की है।


आजाद ने सोनिया को लिखी चिट्ठी में कहा कि आपके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन दुर्भाग्य से जब से पार्टी में राहुल गांधी की एंट्री हुई, खासतौर पर 2013 के बाद जब आपने राहुल को उपाध्यक्ष नियुक्त किया, तब से उन्होंने पार्टी में बातचीत का पूरा खाका ही ध्वस्त कर दिया। उन्होंने आगे लिखा है कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं साइडलाइन कर दिया गया। अनुभवहीन नेता पार्टी के मामले देखने लगे।

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