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24 नवम्बर, 2024
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Samastipur पुलिस के आलाधिकारी महोदय…दो माह बीत गए, नाबालिग बच्ची कहां है? कुछ जवाब देंगे उस बदहवास पिता को…बंद मोबाइल में छुपे हैं कई राज…कब होगी बच्ची की बरामदगी, कब करेंगे अपहरण कांड का पर्दाफाश

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देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। समस्तीपुर जिले के बारिशनगर थाना के चारों गांव से एक नाबालिग बच्ची के अपहरण के मामले में करीब दो माह बीत जाने के बावजूद पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची (Samastipur’s minor girl is not known for two months, a big question on the working style of the police) है।

 

इस नाबालिग बच्ची को जमीन खा गया या आसमान निगल गया?यह सवाल बारिशनगर थाना समेत जिला पुलिस के सभी पुलिस (Samastipur’s minor girl is not known for two months, a big question on the working style of the police) पदाधिकारियों से है?

 

लड़की के पिता ने इस मामले में थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी में कई लोगों पर शंका भी जाहिर की थी। लेकिन, घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी मामला जस का तस है।

पुलिस इतना भी नहीं समझती कि नाबालिग पुत्री के अपहरण को लेकर उसके पिता पर क्या गुजर रही होगी। चारों गांव निवासी नाबालिग के पिता चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि उनकी पुत्री का अपहरण दो मार्च को ही गांव के लड़कों ने कर लिया था।

उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री भूतनाथ चौक पर अपना दुकान देखने गई जो घर नहीं लौटी। उसकी मां जब खाना खाने के लिये उसे खोजा तो घर में नहीं थी।

उन्होंने कहा कि जब इस बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो पता चला कि गांव के ही मनचलों ने उसका अपहरण किया है। उन्होंने अमितेश कुमार एवं उसके पिता मदन सिंह भाई अभिषेक एवं अन्य लोगों पर शंका जाहिर की है।

अब इस मामले में बारिश नगर थाना की पुलिस एक भी दिन इस मामले की तहकीकात करना भी मुनासिब नहीं समझा है। चंद्रशेखर का कहना है कि मदन सिंह से इस घटना के बाबत पूछने गये तो उन्होंने गाली गलौज देकर धमकी दे दिया।

उन्हें शक है कि अमितेश ने उनकी पुत्री को भगा लिया है। इसमें उसका पूरा परिवार उसे सपोर्ट कर रहा है। यही कारण है कि अमितेश का मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिया गया है। चंद्रशेखर का कहना है कि अमितेश का मोबाइल बंद है।

चंद्रशेखर का कहना कि एक साजिश के तहत उनकी नाबालिग पुत्री का अपहरण इन लोंगों की ओर से किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जब डीएसपी या एसपी से करने जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

अब सवाल यही है कि एक नाबालिग लड़की के अपहरण का इतने दिनों के बाद पुलिस की ओर से बरामद नहीं किया जाना पुलिसिया कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न है।

इस मामले में वारिसनगर थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने पूछने पर कहा कि इस कांड के अनुसंधानकर्ता संजय सिंह हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।

उन्होंने बताया कि प्रेम प्रसंग का मामला है। फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन नाबालिग को बरामद करना पुलिस का कर्तव्य है। और, दो माह बीतने को हैं, अब तक नाबालिग को बरामद नहीं करना पुलिसिया कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करता ही है।

पुलिस ने जब एक आरोपी को पकड़कर जेल भेजा उसी समय पुलिस को जानकारी मिल गई होगी फिर भी पुलिस अनुसंधान करने के बजाय चुपचाप बैठी हुई है।

चंद्रशेखर कहते हैं कि उनकी 13 साल की नाबालिग बेटी कहां होगी? किस हाल में होगी
या किसी ने उसकी इहलीला समाप्त कर दी? पुलिस को जांच कर मामले का उदभेदन करना चाहिये।

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