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3 दिसम्बर, 2024
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Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election| शंकर तू है बड़ा जादूगर

ये पूर्णियां हो या रूपौली। है तो एक ही। एक पेट में बसा। एक स्वभाव में रचा। एक ही मिट्टी में सना। एक ही खेत की उपज। ऐसे में, पूर्णियां को independent बड़ा भाता है। पप्पू यादव, कांग्रेस के हाथ, तेजस्वी से नाराज। जनता का साथ। जीत का स्वाद। अब, शंकर सिंह। चिराग की पार्टी। जदयू में आग। बड़े तीर के तरकश खाली। साल 2020 की याद। आखिर, शंकर और प्रतिमा की पूजा ही भाया रूपौली को। मायने अनेक हैं। सोच में जदयू भी है। सामने भाजपा भी है। हार की मंथन में राजद भी है। पांच बार की विधायक बीमा भी है। मगर, किरदार बदल गए हैं। बिहार की पॉलिटिक्स के समीकरण बदले-बदले से हैं। किस तरफ...रूपौली से निकलकर या यहीं से फंसकर....

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Bihar News| Bihar Politics| Rupaul By-Election| शंकर तू है बड़ा जादूगर। न कला की धार चली ना बीमा चली। फिर कौन चला?यह रूपौली उपचुनाव में किसकी जीत हुई है। किस पार्टी को जनता सरकार ने चुना है। इसको लेकर बहस के बीच, पूर्णिया का यह इलाका रूपौली, अचानक सुर्खियों में है। पप्पू यादव ने क्या सचमुच तेजस्वी का साथ दिया, या अंदरखाने नई चाल के मकड़जाल (Shankar Singh won in Bihar Rupauli By-Election as an Independent) बुने गए। कौन फंसा? बीमा भारती। जिस जगह की विधायक थी, तीसरे नंबर पर आखिर क्यों पहुंच गई। ऐसी क्या खता बीमा भारती ने की? जनता पागल हो गई। 

Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election | ये राजनीतिक पंडित साल 2020 को क्यों याद कर रहे। क्यों,

शुरूआत से ही इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले थे। राष्ट्रीय जनता दल ने इस सीट से बीमा भारती को वहीं जनता दल यूनाइटेड ने कलाधार मंडल को मैदान में उतारा था। वहीं, शंकर सिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। फिर कैसे शंकर सिंह बड़े जादूगर निकल गए। वो किस्से क्या हैं? राजनीतिक पंडित साल 2020 को क्यों याद कर रहे। क्यों, वो नीतीश चिराग की तल्खी के किस्से आम हो गए हैं।

Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election |बिहार के राजनीतिक समीकरण में बड़ी सेंध

जहां, चिराग से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज कर बिहार के राजनीतिक समीकरण में बड़ी सेंध लगा दी। सब चौंके से क्यों हैं? शंकर सिंह ने जेडीयू के कालधार मंडल और रूपौली से पांच बार विधायक रहीं बीमा भारती को कैसे हरा दिया? इस मैजिक की वजह क्या है? चिराग पासवान की पार्टी से इस बार टिकट नहीं मिलने की वजह से वह निर्दलीय मैदान में उतरे। 19 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर खुद को योद्धा साबित कर दिया। तभी तो,

Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election| रुपौली उपचुनाव परिणाम भी हमारे हैं, क्यों कह रहे डिप्टी सीएम

डिप्टी विजय सिन्हा कहते हैं, रुपौली उपचुनाव के परिणाम भी हमारे हैं। शंकर सिंह भी हमारे ही उम्मीदवार थे। जनता ने हमारे विकास कार्यों और नीतियों पर विश्वास जताया है। एनडीए ने रुपौली में एक मजबूत और विकासोन्मुख उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। असका परिणाम साफ दिखाई दे रहा है। जनता ने पप्पू यादव और तेजस्वी यादव की राजनीति को नकारते हुए हमारे उम्मीदवार को समर्थन दिया है। फिर, ये कालधार मंडल कौन थे? किस पार्टी के थे?क्या कर रहे थे? जब शंकर सिंह ही एनडीए के उम्मीदवार थे। हां, इतना तय है, बीमा भारती नकारीं गईं। मगर, यह शंकर सिंह के पीछे कौन था?

Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election| बीमा भारती के पति अवधेश मंडल और शंकर सिंह की वर्चस्व की लड़ाई काफी पुरानी

बाहुबली छवि के नेता शंकर सिंह का राजनीतिक सफर स्व. रामविलास पासवान के साथ रहा है। लंबे समय से ही वह रामविलास के साथ लोजपा के नेता रहे हैं। 2005 में विधानसभा चुनाव भी लोजपा की ही टिकट पर जीता था।

पत्नी प्रतिमा सिंह की सवर्ण जातियों के बीच अच्छी पैठ है। बीमा भारती के पति अवधेश मंडल और शंकर सिंह की वर्चस्व की लड़ाई काफी पुरानी है। प्रतिमा सिंह भी रूपौली क्षेत्र से जिला परिषद की सदस्य और पूर्व चेयरमैन हैं। इस उपचुनाव में जब रूपौली सीट जेडीयू के खाते में चली गई और वहां से कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया गया तो शंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।

Bihar News| Bihar Politics| Rupauli By-Election| पिछले तीन चुनावों से रूपौली जदयू का गढ़ था। खेला हो गया

यानि, कलाधार के साथ पहले से ही खेल चल रहा था। वहीं, पिछले तीन चुनावों से रूपौली जदयू का गढ़ था। 2020 में रुपौली विधानसभा सीट से जेडीयू कैंडिडेट के तौर पर जीतने वाली बीमा भारती ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू और विधायक पद से इस्तीफा देकर आरजेडी ज्वाइन की थी।

जिसके बाद आरजेडी ने उन्हें पूर्णिया लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया था, लेकिन बीमा भारती वहां भी तीसरे स्थान पर रही थीं। ऐसे में, इस बार के चुनाव में शंकर सिंह ने बड़ा खेला कर दिया, जो 2020 में लोजपा उम्मीदवार के तौर पर बीमा भारती से हारे थे। इस बार, शंकर सिंह ने चुनाव जीत कर नीतीश कुमार के रुपौली किले को ध्वस्त कर दिया।

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