समस्तीपुर में महिला सिपाही अर्चना ने नगर थाना परिसर स्थित वायरलेस भवन के ऊपर संचालित कंट्रोल रूम में खुदकुशी कर ली। एक सुसाइड नोट भी छोड़ गई। आखिर, लगातार महिला सिपाही खुदकुशी क्यों कर रहीं हैं। हाल ही में पूर्णियां, उससे पहले दरभंगा में महिला सिपाही ने खुदकुशी कर ली।
ऐसे में सवाल उठता है। क्या महिला सिपाही सिस्टम से थक जा रही हैं। या उन्हें दोयम दर्जे का समझा जाता है। आखिर अर्चना को कमरे का गेट अंदर से बंद कर खुदकुशी की ऐसी नौबत क्यों आई।
दरभंगा में बीते नवंबर चार तारीख को एक सिपाही अरूण प्रसाद ने खुद से अपनी जान लेने की कोशिश की। सिपाही ने तेज धारदार हथियार से खुद ही अपना गला रेत लिया। इससे वह बुरी तरह से घायल हो गए।. इस घटना के बाद आनन-फानन में उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। वह क्यूआरटी में तैनात थे।
दरभंगा में दिसंबर 21 में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी थाने में पदस्थापित 2018 बैच की महिला दरोगा लक्ष्मी कुमारी ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मार कर आत्महत्या कर ली। दरभंगा में एसएसपी आवास पर सिपाही चिंटू पासवान ने खुद को तीन गोलियां मारकर आत्महत्या कर ली। ऐसा कब तक चलेगा?
बेतिया में डायल 112 में पोस्टेड मधुबनी की रहने वाली खूशबू 22 फरवरी को खुदकुशी कर ली। दुपट्टे से बनाया फंदा और लटक गई। मुजफ्फरपुर बेला थाने की महिला सिपाही नेहा भारती अपने ही थाने के अध्यक्ष पर अभ्रद व्यवहार करने का आरोप लगाते दवाओं का ओवरडोज ले लिया था। इसके साथ उसने अपनी जेब में सुसाइड नोट भी छोड़ा था। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है..
जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर पुलिस कंट्रोल रूम के अंदर एक महिला सिपाही अर्चना ने खुदकुशी कर ली। सिपाही अर्चना कुमारी 112 पुलिस टीम में काम करती थी। पुलिसकर्मी गेट तोड़कर अंदर पहुंचे। और अर्चना को सदर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
महिला सिपाही के सुसाइड से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मृतका के पति सुमन कुमार भी समस्तीपुर में ही पुलिस सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। कुछ महीने पहले उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
पुलिस को मौके से दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। उसमें अर्चना ने अपने पति के निलंबन और सरकारी क्वार्टर खाली कराने को लेकर सीनियर अफसर द्वारा दी जा रही प्रताड़ना का जिक्र किया है। सुसाइड नोट में अर्चना ने लिखा है, बीते दो महीने से मेजर सर की ओर से सरकारी रूम के लिए बहुत परेशान किया जा रहा है। हमने किसी प्रकार की बदतमीजी नहीं की।
एसपी से लेकर सर्जेंट तक, सभी को सफाई दे दी। पति और बच्चे बहुत परेशान हैं। मुझे क्वार्टर खाली करने के लिए मजबूर किया गया। हम लोग जहां शिफ्ट हुए वहां बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। पति का निलंबन किया गया।
पांच साल से प्राइवेट क्वार्टर में रह रहे हैं। लोन की किस्तें कट रही हैं। आर्थिक रूप से काफी परेशानी हो रही है। इस केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।