सनातन पर विवादित बयान देकर फंसे तमिलनाडु सीएम के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की मुश्किल में घिरते दिख रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को उसके मंत्री उदयनिधि स्टालिन और सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर तमिलनाडु, उदयनिधि स्टालिन, ए राजा, पीके शेखर बाबू, सीबीआई को नोटिस जारी किया है।
सनातन धर्म पर विवादास्पद बयान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और सनातन पर बयान देने वाले डीएमके के अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर समुचित कानूनी कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग की गई है। पढ़िए पूरी खबर
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। एक याचिका उत्तर प्रदेश के बदायूं निवासी हिमांशु कुमार ने दाखिल की है। दूसरी याचिका चेन्नई के वकील बी जगन्नाथ
और तीसरी याचिका दिल्ली के वकील नवीन जिंदल ने दायर की है। बी जगन्नाथ की याचिका में मांग की गई है कि सनातन के खिलाफ कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए। इन नेताओं की सीमा पार से फंडिंग की जांच हो।
नवीन जिंदल की याचिका में दिल्ली पुलिस और तमिलनाडु पुलिस के खिलाफ हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्यवाही चलाने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि अपने बयान में उदयनिधि मारन ने सनातन धर्म को डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि मारन ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी।
उदयनिधि स्टालिन के 5 सितंबर को सनातन धर्म पर दिए विवादास्पद बयान को लेकर देश के 262 प्रबुद्ध जनों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेकर उदयनिधि के खिलाफ़ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करें।