मई,17,2024
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जूली-मटुकनाथ…21वीं सदी की सबसे पहली बोल्ड प्रेम कहानी का ऐसा अंत…पढ़कर आप हो जाएंगें हैरान…

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प्रोफेसर मटुकनाथ को कौन नहीं जानता? पटना विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाने वाले प्रोफेसर मटुकनाथ 2006 में रातों-रात चर्चा का विषय बन गए थे। ये वही लव गुरू हैं जिन्हें अपनी छात्रा से प्यार हो गया था। और, जूली-मटुकनाथ की जोड़ी 21वीं सदी की सबसे पहली बोल्ड प्रेम कहानी के रूप में सामने आई थी।

मटुकनाथ ने तो खुलेआम जूली के लिए अपने प्यार का इजहार किया था। उनकी पत्नी ने टीवी पत्रकारों की मदद से उस घर में छापा मारा था जहां वह अपनी पूर्व शिष्या के साथ लिव इन में रह रहे थे।

इसके बाद उन्होंने किसी की नहीं सुनी और बस जूली के साथ अपना प्यार जगजाहिर कर दिया। फिर मटुकनाथ का मुंह काला करने से लेकर जूली के बाल पकड़ कर उसे मारने तक सब कुछ उनकी पत्नी ने किया। यह सब आपको पता ही है। मगर क्या आप यह जानते हैं कि आखिर अभी दोनों की जिंदगी कैसी बीत रही है…आइए हम आपको बताते हैं, दोनों की प्रेम कहानी में नया मोड़ क्या है…

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सोलह साल पहले बिहार के गुरु शिष्या की प्रेम कहानी एक बार फिर चर्चा में क्यों आ गया है। आखिर कहां हैं मटुकनाथ और कहां है जूली। दोनों के रोमांच करते खिस्से में यह दुखद अध्याय कैसे जुड़ गया। पढ़िए पूरी खबर

मटुकनाथ और जूली 2007 से लेकर 2014 तक पूरे सात साल लिवइन में रहे। जूली जो खुले विचारों वाली थीं उन्हें देखकर मटुकनाथ को पहली बार प्रेम का अहसास हुआ था। मटुकनाथ का कहना है कि जूली जब उनकी कक्षा में देर से आईं थीं तो उन्हें बहुत गुस्सा आया था, लेकिन फिर भी जूली उन्हें अच्छी लगी थीं क्योंकि जूली बाकी छात्रों की तरह नहीं थीं। जूली बुद्धिमान थीं।

मटुकनाथ को जूली धीरे-धीरे भाने लगीं, लेकिन वो कुछ नहीं कह पाए, एक दिन जूली ने ही उन्हें फोन कर ये कह दिया कि वो मटुकनाथ को पसंद करती हैं और उनसे शादी करना चाहती हैं। पहले तो मटुक नाथ ने इसका विरोध किया और फिर वो मान गए।

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जूली के साथ प्रेम-प्रसंग की वजह से 15 जुलाई, 2006 को पटना यूनिवर्सिटी ने मटुकनाथ को बीएन कॉलेज के हिंदी डिपार्टमेंट के रीडर पद से सस्पेंड कर दिया था। बाद में 20 जुलाई, 2009 को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। अब ताजा क्या है…

टुकनाथ और जूली साल 2007 से 14 तक लिव इन रिलेशन में रहे। फिर दोनों के रिश्तों में दूरियां आनी शुरू हुई। फिर क्या था रिश्तों में दरार का सिलसिला शुरू हुआ। 2013 तक जो रिश्ते सामान्य थे उसमें बदलाव आ गया।

जूली का मन आध्यात्म की तरफ गया। वह कई आध्यात्मिक गुरुओं के संपर्क में आई। मटुकनाथ ने तब बताया कि वह कई गंदे लोगों के संपर्क में आ गई। फिर दोनों के रिश्ते खत्म होने लगे।

फिर पता चला की जूली अपने परिवार के पास सूरीनामा चली गई लेकिन उसके परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। फिर जूली कैरेबियाई देश त्रिनिदाद में एक आध्यात्मिक गुरु के पास अपनी सहली के साथ चली गई। इसके बाद वह मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर बीमार रहने लगी और अब खबर आ रही है कि वह एक एक सरकारी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं।

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मटुकनाथ इन दिनों भागलपुर में अकेले रहते हैं। इस दौरान मटुकनाथ ने जूली को कई बार भारत बुलाने की कोशिश भी की। वहीं मटुकनाथ के परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। अब जूली जिंदगी और मौत से लड़ रही है तो मटुकनाथ अकेले जिंदगी जी रहे हैं।

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