उज्जैन, देश में सबसे पहले दीपावली का त्यौहार उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मनाया गया। गुरुवार तड़के महाकाल की भस्म आरती में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया गया।
Ujjain Mahakal Diwali: पूजा और भोग
पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को केसर, चंदन, और इत्र का उबटन लगाया। इसके बाद, अन्नकूट का भोग अर्पित किया गया। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि सुबह चार बजे भस्म आरती के दौरान स्नान के बाद महाकाल का पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।
ठंड का संकेत
कार्तिक मास की चौदस से ठंड की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए भगवान को गर्म जल से स्नान कराया गया। महाशिवरात्रि तक महाकाल गर्म जल से स्नान करेंगे।
दिवाली की शुरुआत
रूप चौदस के उपलक्ष्य में भगवान को सुगंधित द्रव्य से उबटन करने के बाद ध्यानमय भोग अर्पित किया गया, जिसमें धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी, मिठाई, और सब्जियाँ शामिल थीं। इसके बाद दिव्य भस्म आरती का आयोजन हुआ और फुलझड़ी जलाकर दीपावली का पर्व मनाया गया।
अन्य मंदिरों की रौनक
उज्जैन के अलावा, मध्य प्रदेश की अयोध्या यानी ओरछा में रामराजा मंदिर और राज्य के अन्य मंदिरों पर भी अलौकिक छटा बिखरी है। राजधानी भोपाल, अहिल्या बाई की नगरी इंदौर, और अन्य शहरों जैसे जबलपुर और ग्वालियर में दीपावली के स्वागत के लिए जगमगाती रोशनी का आलम है।
30 अक्टूबर को पूरे मध्य प्रदेश में रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजावट की गई है, आसमान में आतिशबाजी और ज़मीन पर दीयों और झालरों की रोशनी बिखरी हुई है।
दीपावली के इस पर्व ने उज्जैन और पूरे मध्य प्रदेश में खुशियों की लहर दौड़ा दी है, जो श्रद्धा और उल्लास से भरी है।