DON Arun Gawli । अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली…सजा के वक्त ‘मैं तुम्हें मौत की जगह उम्रकैद दे रहा हूं….और आज समय से पहले रिहाई का आदेश…जहां मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली की समय से पूर्व रिहाई का आदेश दिया है। यह वही अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली है जिसे, विशेष मकोका अदालत ने शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंदेकर हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
DON Arun Gawli। शिवसेना पार्षद कमलाकर जमसंदेकर हत्या मामले में
साथ ही, उस सजा देने के दौरान गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली को विशेष मकोका अदालत ने शिवसेना पार्षद कमलाकर जमसंदेकर हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण ने न सिर्फ गवली पर 17 लाख का जुर्माना भी लगाया था, जिसे अदा न करने पर उसे तीन साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। मामले में दस अन्य को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि आरोपी सुनील घाटे को केवल शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया और तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
DON Arun Gawli। जब जज ने कहा था
मगर, सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह कि अदालत ने गवली को संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य होने और जबरन वसूली के लिए दस-दस साल कैद की सजा भी सुनाते हुए जज चव्हाण ने कहा था, ”मैं तुम्हें मौत की जगह उम्रकैद दे रहा हूं।” और आज, कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अरुण गवली को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया है।
DON Arun Gawli। “कुत्ते को बुरा नाम दो और उसे गोली मार दो – यह सिद्धांत नहीं होना चाहिए।”
24 अगस्त को, पूर्व विधायक और 11 अन्य को 2008 में जामसांडेकर की हत्या का दोषी पाया गया था। आरोप पत्र के अनुसार, एक भूमि सौदे में सेना पार्षद को खत्म करने के लिए गवली गिरोह को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इससे पहले गवली के वकील सुदीप पासबोला ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए, जैसा कि अभियोजन पक्ष की मांग है। पासबोला ने कहा था, “कुत्ते को बुरा नाम दो और उसे गोली मार दो – यह सिद्धांत नहीं होना चाहिए।”
DON Arun Gawli। मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंडेकर की हत्या में…
हालांकि, जेल प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय भी दिया गया है। इस मामले में अब जेल प्रबंधन क्या फैसला लेगा? इस ओर सब कि निगाहें लगीं हैं। गवली को मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंडेकर की हत्या मामले के साथ-साथ अन्य अपराधों के लिए 2 बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल अरुण गवली आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
DON Arun Gawli। जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय
अरुण गवली ने 2006 के सरकारी फैसले के आधार पर सजा से छूट की मांग की थी। गैंगस्टर अरुण गवली की याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। नागपुर खंडपीठ ने जेल प्रबंधन को इस मामले में जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। मुंबई के शिवसेना निगम पार्षद कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के मामले में अरुण गवली को 2 आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। फिलहाल गवली नागपुर कारागार में अपनी सजा काट रहा है।
DON Arun Gawli। हाई कोर्ट ने गवली की रिहाई का फैसला लिया है
अरुण गवली की ओर से मामले की पैरवी करने वाले मिर नगमान अली ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने 2006 में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई सजायाफ्ता कैदी अपनी आयु के 65 वर्ष पूरे कर चुका है। साथ ही अगर वह कैदी शारीरिक रूप से कमजोर हो चुका हो तो उसे सजा पूरी होने से पहले रिहा करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अरुण गवली की आयु 69 वर्ष है और वह 16 वर्षों से जेल में है। अरुण गवली के मामले में महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना की दोनों शर्तें पूरी होती हैं। इसी के चलते हाई कोर्ट ने गवली की रिहाई का फैसला लिया है।