महाराष्ट्र के लोकप्रिय माथेरान हिल स्टेशन से नेरल जा रही एक टॉय ट्रेन पटरी से उतर गई। सभी यात्री सुरक्षित हैं। रेलवे अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई जब ट्रेन के इंजन का एक पहिया जुम्मा पट्टी स्टेशन के पास पटरी से उतर गया। जुम्मा पट्टी स्टेशन मुंबई से करीब 95 किलोमीटर दूर है।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन करीब चार बजे माथेरान से रवाना हुई थी। उसमें करीब 95 यात्री सवार थे। रेलवे अधिकारियों ने आज बताया कि करीब साढ़े पांच बजे जब नेरल-माथेरान टॉय ट्रेन का इंजन बेपटरी हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई से करीब 95 किमी दूर जुम्मा पट्टी स्टेशन के पास इंजन का एक पहिया पटरी से उतर गया। नैरो-गेज सेक्शन नेरल से माथेरान के बीच चलने वाली यह टॉय ट्रेन शनिवार को करीब चार बजे माथेरान से रवाना हुई थी।
रेलवे के एक प्रवक्ता के मुताबिक, इंजन के पटरी से उतरने के बाद सभी यात्रियों को तुरंत ट्रेन से उतार दिया गया। हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। बाद में रेलवे कर्मचारियों ने रात करीब नौ बजे टॉय ट्रेन को पटरी पर लाने में कामयाबी हासिल की और यह रात करीब साढ़े दस बजे नेरल स्टेशन पहुंची।
रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक, ट्रेन को रात करीब 9 बजे फिर से पटरी पर लाया गया और रात 10.30 बजे तक माथेरान पहाड़ियों की तलहटी में स्थित नेरल स्टेशन पर ट्रेन वापस लौटी।
उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण नेरल से माथेरान जाने वाली आखिरी ट्रेन रद्द कर दी गई और दोनों ट्रेनों के यात्रियों का किराया वापस कर दिया गया।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। यात्रियों को तुरंत ट्रेन से उतार दिया गया और वह अन्य वाहनों से अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार, ट्रेन को रात करीब नौ बजे फिर से पटरी पर लाया गया और रात करीब साढ़े 10 बजे वह नेरल स्टेशन पर वापस लौटी।
यह हादसा, ओडिशा में उस भयावह ट्रेन दुर्घटना के एक दिन बाद हुआ, जिसमें 278 लोगों की मौत हुई है और अन्य 1100 लोग घायल हुए हैं।
नेरल-माथेरान टॉय ट्रेन 100 साल से अधिक पुरानी है। इसका मार्ग 21 किमी लंबा है। नेरल तथा माथेरान के बीच जून से अक्टूबर तक बारिश के मौसम के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इसका परिचालन रोक दिया जाता है।