तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मंदिर में बुधवार सुबह रथयात्रा जुलूस के दौरान करंट लगने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 2 बच्चे भी शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब लोग मंदिर की पालकी पर खड़े थे, पालकी कालीमेडु के अप्पर मंदिर में एक हाई-ट्रांसमिशन लाइन के संपर्क में आ गई। अधिकारियों ने कहा कि मंदिर की पालकी को मोड़ने के समय ओवरहेड लाइन के संपर्क में आने के कारण यह भीषण हादसा हुआ।
जानकारी के अनुसार, तंजावुर जिले के कालीमेडु में अप्पर मंदिर की रथयात्रा के दौरान कई लोग हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए। पुलिस ने करंट लगने से 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को तंजावुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक मृतकों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। यह हादसा बुधवार तड़के रथयात्रा के दौरान हुआ। रथयात्रा में शामिल होने के लिए आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु आए थे। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रथयात्रा एक मोड़ से गुजर रही थी। इसी दौरान रथ पर खड़े लोग हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए।
पुलिस के मुताबिक करंट की चपेट में आने से रथ क्षतिग्रस्त हो गया है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है। हादसे की जांच की जा रही है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु के तंजावुर में बुधवार तड़के हुए रथयात्रा हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। प्रधानमंत्री ने घायलों के शीघ्र ठीक होने की उम्मीद जताई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।