Atal Bihari Vajpayee: एक तरफ गगनचुंबी मूर्तियां, दूसरी ओर एक भारत रत्न के पैतृक गांव की बदहाली का सवाल। राजनीति में सम्मान और उपेक्षा का यह द्वंद्व गहराता जा रहा है, जब देश एक पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती मना रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर की कथित अनदेखी पर प्रदेश सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। उन्होंने योगी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर उस पवित्र भूमि की उपेक्षा क्यों की जा रही है, जिसका संबंध भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Atal Bihari Vajpayee की विरासत पर सियासी वार
वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर, अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने लिखा, “भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय Atal Bihari Vajpayee जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि उनके पैतृक स्थान बटेश्वर की उपेक्षा क्यों की जा रही है? क्या इसके पीछे कोई विशेष कारण है? आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।”
यादव ने अपने पोस्ट में भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पार्टी केवल राजनीतिक फायदे के लिए भव्य और गगनचुंबी प्रतिमाएं स्थापित करती है। उनका आरोप है कि भाजपा वास्तव में किसी के सम्मान में कोई सच्चा और सार्थक स्मारक नहीं बनाती। उनके अनुसार, “भाजपा की मूर्तियां भी सियासी होती हैं।”
भाजपा पर मूर्तियों की राजनीति का आरोप
ज्ञात हो कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उनका पैतृक गांव बटेश्वर, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली में उनका निधन हो गया था। केंद्र सरकार उनकी जयंती को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाती है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




