निगरानी की टीम ने शुक्रवार को बेगूसराय में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एक भ्रष्टाचारी लिपिक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। काम के एवज में रिश्वत मांगे जाने से पीड़ित की शिकायत पर सत्यापन के बाद पहुंची निगरानी विभाग की टीम ने जिला शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार को छापेमारी कर दिया। इसमें योजना एवं लेखा शाखा में कार्यरत लिपिक किशोर कुमार मिश्र को दस हजार लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि किशोर कुमार मिश्रा हेमनपुर में पदस्थापित एक नियोजित शिक्षक दिनेश कुमार से वेतन रिलीज के नाम पर दस हजार रुपया घूस की मांग की थी। इसकी सूचना दिनेश कुमार ने 27 जुलाई को निगरानी विभाग की टीम को दी थी। इसी कड़ी में आज काम के सिलसिले में दिनेश कुमार की ओर से किशोर कुमार मिश्रा को 10 हजार रुपया घूस दिया जा रहा था। इसी दौरान निगरानी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी विभाग के डीएसपी शिव कुमार साह ने बताया कि मध्य विद्यालय हेमनपुर (बखरी) के नियोजित शिक्षक दिनेश कुमार का वेतन भुगतान कराने के लिए किशोर कुमार मिश्र द्वारा रिश्वत मांगी गई थी। रिश्वत नहीं देने पर उनका वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा था। इससे परेशान होकर दिनेश कुमार ने निगरानी विभाग पटना में आवेदन देकर इसकी शिकायत किया।
आवेदन का सत्यापन के बाद शुक्रवार को निगरानी की टीम जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुंची तथा यहां रिश्वत लेते हुए किशोर कुमार मिश्र को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद निगरानी विभाग उसे लेकर पटना रवाना हो गई है। टीम में निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण देव पांडेय एवं सुनील सागर सहित इंस्पेक्टर और पुलिस जवान पुलिस टीम मौजूद थी। विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग सहित जिला मुख्यालय के अन्य सरकारी कर्मियों में भी हड़कंप मच गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार योजना एवं लेखा शाखा द्वारा ही पिछले महीने डीईओ एवं डीपीओ के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक में खाता खुलवा कर 58 लाख का चेक क्लियर करवाने का प्रयास किया गया था। लेकिन समय रहते पता चल जाने के कारण चेक क्लीयरेंस नहीं हो सका। लेकिन उसी दिन से काफी चर्चा थी, शिक्षा विभाग के सूत्र का कहना है कि कार्यालय से इतनी बड़ी रकम का चेक किशोर कुमार मिश्र के द्वारा ही निकाल कर गिरोह के मदद से क्लीयरेंस करवाने का प्रयास किया गया था।
शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो किशोर कुमार मिश्र कोई भी काम बगैर रिश्वत के नहीं करता था। इसके रिश्वत का दर पांच सौ से लेकर लाख तक फिक्स था। जिसके कारण लोग काफी परेशान रहते थे, वह ना सिर्फ रिश्वत लेता था बल्कि लोगों को जलील भी करता था।
जिला शिक्षा कार्यालय में वर्षों से कार्यरत रहने से पहले यह शिक्षक नियोजन की निगरानी के लिए बने प्राधिकार में तैनात था। इस तैनाती के दौरान किशोरी मिश्रा ने आई से कई गुना अधिक संपत्ति अपने परिजन एवं रिश्तेदारों के नाम से अर्जित कर लिया। अब निगरानी विभाग की हुई इस कार्रवाई से लोगों में खुशी है।