Assam Voter List: लोकतंत्र की बुनियाद मतदाताओं पर टिकी है, और जब इस बुनियाद में कोई हलचल होती है, तो उसका असर पूरे राजनीतिक परिदृश्य पर दिखता है। असम में विधानसभा चुनावों से पहले, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे लाखों नाम हटा दिए गए हैं।
Assam Voter List: असम में लाखों मतदाताओं के नाम कटे, चुनाव आयोग ने जारी किया मसौदा
Assam Voter List: असम में मतदाता सूची से 10 लाख से ज्यादा नाम बाहर
शनिवार को चुनाव आयोग ने असम में विशेष मतदाता सूची संशोधन के बाद मतदाता सूची का मसौदा जारी किया। इस मसौदे के अनुसार, राज्य में कुल 2,51,09,754 मतदाता हैं। विशेष संशोधन प्रक्रिया के दौरान 10,56,291 मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। इन हटाए गए नामों में 93,021 संदिग्ध मतदाता शामिल नहीं हैं। नाम हटाने के मुख्य कारण मृत्यु, स्थानांतरण या कई प्रविष्टियां थीं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
असम में ‘डी-वोटर्स’ मतदाताओं का एक विशेष वर्ग है। ये वे लोग हैं जिन्हें नागरिकता संबंधी पर्याप्त प्रमाण पत्रों की कमी के कारण मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत गठित विशेष न्यायाधिकरण इन ‘डी-वोटर्स’ का निर्धारण करते हैं। ‘डी-वोटर’ घोषित व्यक्ति को मतदाता कार्ड जारी नहीं किया जाता। हालांकि, ‘डी-वोटर्स’ से संबंधित सभी विवरण, जैसे नाम, आयु और फोटो, बिना किसी बदलाव के मसौदा मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं।
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदाता अब 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। मसौदा मतदाता सूची 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक घर-घर जाकर किए गए विशेष पुनरीक्षण और सत्यापन के बाद प्रकाशित की गई थी। इस प्रक्रिया में 61,03,103 घरों में मतदाता सूची का सत्यापन किया गया। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, हटाए गए 10.56 लाख नामों में से 4,78,992 नाम मृत्यु के कारण हटाए गए, जबकि 5,23,680 मतदाता अपने पंजीकृत पते से स्थानांतरित हो गए थे। इसके अलावा, 53,619 जनसांख्यिकीय रूप से समान प्रविष्टियों को सुधार के लिए चिह्नित किया गया था। इस विशाल प्रक्रिया में 35 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), 126 मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ), 1,260 सहायक ईआरओ, 29,656 बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) और 2,578 बीएलओ पर्यवेक्षक शामिल थे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मतदाता सूची संशोधन की गहन प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि राजनीतिक दलों ने इस पूरी प्रक्रिया में सहायता और निगरानी के लिए 61,533 बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) तैनात किए थे। गौरतलब है कि जहां केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) चल रहा है, वहीं असम में चुनाव आयोग ने विशेष संशोधन का आदेश दिया है, जो राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों को दर्शाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


