Atal Bihari Vajpayee: एक ऐसा व्यक्तित्व जो राजनीति के हर मानदंड पर खरा उतरा, जिसकी वाणी में ओज था और कर्म में देशप्रेम का अटल संकल्प। भारत की राजनीतिक फिजा में अटल जैसा कोई दूसरा न था, जिसने विपक्ष में रहकर भी सत्ता पक्ष से सम्मान पाया और सत्ता में रहकर भी अपनी गरिमा नहीं छोड़ी।
अटल बिहारी वाजपेयी को भावभीनी श्रद्धांजलि: राष्ट्रपति, पीएम समेत शीर्ष नेताओं ने किया नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भारत रत्न वाजपेयी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक विशेष पोस्ट में अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसे राजनेता के रूप में याद किया, जिनका आचरण, गरिमा और राष्ट्रहित के प्रति अटूट प्रतिबद्धता भारतीय राजनीति के लिए एक उच्च मानक स्थापित करती है। उन्होंने कहा कि अटल जी का जीवन राष्ट्र को निरंतर प्रेरित करता रहेगा और यह सिखाता है कि नेतृत्व पद से नहीं, बल्कि आचरण से परिभाषित होता है। संस्कृत के एक सुभाषित का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि महान नेताओं के कर्म समाज का मार्गदर्शन करते हैं, और यह पहलू वाजपेयी के सार्वजनिक जीवन में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि आदरणीय अटल जी की जयंती हम सभी के लिए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का एक विशेष अवसर है। उनका आचरण, गरिमा, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प भारतीय राजनीति के लिए एक आदर्श मानक है। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से यह सिद्ध किया कि उत्कृष्टता पद से नहीं, बल्कि आचरण से स्थापित होती है, और यही समाज का मार्गदर्शन करता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
अटल जी का असाधारण राजनीतिक सफर और विरासत
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री चुने गए, जिन्होंने दशकों तक भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बनकर नेतृत्व किया। वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना पूर्ण कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
वाजपेयी ने 16 मई, 1996 से 1 जून, 1996 तक और फिर 19 मार्च, 1998 से 22 मई, 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के इस महान सपूत का निधन 16 अगस्त, 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ।



