Bangladesh Hindu Persecution: जब पड़ोसी मुल्क में धार्मिक सद्भाव के दीपक मंद पड़ रहे हों और अल्पसंख्यकों पर संकट के बादल गहरा रहे हों, तब भारत के संत समाज में चिंता की लहर उठना स्वाभाविक है। बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर केंद्र सरकार से कड़ा रुख अपनाने की अपील की है।
बांग्लादेश हिंदू Persecution: धीरेंद्र शास्त्री की केंद्र से अपील, ‘अगर हिंदुओं की पहचान खतरे में, तो भारत में दें जगह’
हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने भारत सरकार से पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और महत्वपूर्ण कदम उठाने का आग्रह किया है। शास्त्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि इस मामले में भारत सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो बांग्लादेश में हिंदुओं की पहचान गंभीर खतरे में पड़ जाएगी। उनकी यह टिप्पणी बांग्लादेश में अमृत मंडल और दीपू चंद्र दास जैसे हिंदू युवकों की हालिया निर्मम हत्याओं के संदर्भ में आई है।
बांग्लादेश हिंदू Persecution: क्या खतरे में है हिंदू अस्मिता?
धीरेंद्र शास्त्री ने एक प्रमुख समाचार एजेंसी को बताया कि यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत सरकार के लिए बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा हेतु तत्काल और महत्वपूर्ण कदम उठाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी, “यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हिंदुओं की पहचान खतरे में पड़ जाएगी।” शास्त्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, तो उन्हें भारत में रहने के लिए उचित स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यदि हम इस समय उनकी मदद नहीं करते हैं, तो हिंदू एकता की बात करना निरर्थक होगा। बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की हर कीमत पर रक्षा की जानी चाहिए। बल्कि, बांग्लादेश में रहने वाले ऐसे हिंदू, जो असुरक्षित हैं, उन्हें भारत में स्थान प्रदान किया जाना चाहिए, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इससे पहले बुधवार को, राजबारी के पांगशा उप-जिले के कालीमोहोर संघ के होसेनडांगा गांव में अमृत मंडल नामक एक हिंदू युवक की जबरन वसूली के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को सूचना मिलने पर वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और सम्राट को गंभीर हालत में बचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मंडल की यह हत्या बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने और उनके शव को जलाने की घटना के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जो देश में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता को दर्शाता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हिंसा का ताजा दौर और भारत का रुख
कपड़ा कारखाने में कार्यरत दीपू चंद्र दास को 18 दिसंबर को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और उनके शव को लटकाकर आग लगा दी थी। मयमनसिंह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अब्दुल्ला अल मामून के हवाले से बताया गया है कि कारखाने के एक अधिकारी ने भालुका पुलिस को सूचित किया था कि श्रमिकों के एक समूह ने दीपू पर कारखाने के अंदर हमला किया और उन पर फेसबुक पोस्ट में पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए एक भयावह संकेत है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। भारत सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के साथ ठोस राजनयिक वार्ता कर, वहां रह रहे हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।


