राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने वर्ष 2018 के बोधगया मंदिर परिसर और उसके आसपास हुए ब्लास्ट केस में शुक्रवार को जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकियों को (Bangladeshi 8 JMB terriosit guilty in Bodhgaya blast) दोषी ठहराया है।
अदालत मामले के सभी दोषियों की सजा पर 17 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। पटना के एनआईए कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में 8 लोगों को दोषी करार दिया है। सभी 8 लोगों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार भी किया है।
दोषियों ने महाबोधि मंदिर में बम प्लांट करने की बात किया स्वीकार
दोषियों ने न्यायालय के सामने कहा है कि वह बहकावे में थे, जिससे इस तरह की गलती उनसे हो गई। 19 जनवरी 2018 को बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के कालचक्र मैदान में प्लांट किए गए 3 आईडी बम बरामद किए गए थे।
वहीं, एक बम कालचक्र के पास स्थित रसोई घर से बरामद किया गया था. शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद एनआईए कोर्ट ने महाबोधि मंदिर में बम प्लांट करने समेत विभिन्न धाराओं में 8 लोगों को दोषी करार दिया है। आगामी 17 दिसंबर को कोर्ट द्वारा सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए डेट निर्धारित भी कर दी गई है।
विशेष अदालत ने जेएमबी के जिन आतंकियों को दोषी ठहराया है उनमें पी. शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान उर्फ शाहीन और आरिफ हुसैन शामिल हैं। जनवरी 2018 में बोधगया मंदिर परिसर और उसके आसपास हुए विस्फोट हुआ था। मामले की जांच कर रही एनआईए ने 3 फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया था।
पहली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाई गई थी। इसे निष्क्रिय करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था। दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए। एनआईए जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी।
इस कांड में 9 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इन 9 आरोपितों में आठ अहमद अली, दिलावर हुसैन, मुस्तफिजुर रहमान, अब्दुल करीम, नूर आलम, आरिफ हुसैन, मोहम्मद आदिल शेख और पैगंबर शेख ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। जबकि, एक आरोपी जेहादउल इस्लाम ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार नहीं किया है। अब इसके मामले की अलग से सुनवाई की जाएगी। इसके पहले इस कांड के सभी आरोपियों को सुनवाई के पहले बेउर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाया गया था।
दरअसल, 7 जुलाई 2013 को बम धमाके की पहली घटना के बाद आतंकियों ने बोधगया को दूसरी बार दहलाने की शादी 19 जनवरी 2018 को रची थी। लेकिन, यह साजिश नाकाम हो गई थी। आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के आसपास विस्फोटक छिपा कर रखा था। गिरफ्तार आतंकी दिलावर हुसैन उर्फ उमरम की निशानदेही पर 15 सितंबर 2018 को कालचक्र मैदान के पास एक शौचालय से जिंदा बम बरामद किया गया था।