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1 अक्टूबर, 2024
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Big News : RJD Supremo लालू प्रसाद जेल से आएंगें बाहर मगर 10 लाख देने के बाद

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देशज टाइम्स | Highlights -

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मुख्य बातें
  • लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत
  • डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा काट रहे हैं लालू
  • सीबीआई ने किया था लालू प्रसाद यादव की जमानत का विरोध

झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को चारा घोटाला के पांच मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत पर सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी है। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध (Lalu Prasad gets bail from Jharkhand High Court) था।

इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव लगभग 40 महीने जेल में गुजार चुके हैं, जो आधी सजा 30 महीने से भी ज्यादा है। हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने जमानत के लिए यह शर्त रखी है कि लालू यादव को सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा के साथ मुकर्रर की गई 10 लाख की जुर्माने की राशि कोर्ट में जमा करनी होगी।

चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव को 10 लाख के निजी मुचलके पर  जमानत दे दी है। लालू की तरफ से डोरंडा कोषागार में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने के साथ ही हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई।

लालू ने दिए थे ये तर्क

हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए हाईकोर्ट के समक्ष कई दलीलें प्रस्तुत की थीं। अपनी बढ़ती उम्र और बीमारी के अलावा आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए लालू ने जमानत मांगी थी। वहीं सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है तो ऐसे में उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

सीबीआई ने दावा किया है कि डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि अभी पूरी नहीं की है। इस कारण आधी सजा काट लेने के आधार पर उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। लालू प्रसाद को इस मामले में रिमांड पर नहीं लिया गया था। इस कारण पूर्व की सजा में इसे शामिल नहीं किया जा सकता।

लालू प्रसाद को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट से पांच साल की सजा मिली है। इस मामले में आधी सजा काट लेने और बीमारी का हवाला देते हुए लालू प्रसाद ने हाई कोर्ट से जमानत मांगी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री पर चारा घोटाले के पांच मामले दर्ज थे और सभी में सजा मिली है। सजा के खिलाफ लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में अपील के साथ जमानत याचिका दायर की थी। आधी सजा काटने और स्वास्थ्य कारणों से लालू प्रसाद ने जमानत मांगी थी। लालू प्रसाद फिलहाल बीमार हैं और दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा है।

जानकारी के अनुसार, बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। मामले में अब तक चार बार सुनवाई हो चुकी है। चार मार्च को याचिका में त्रुटियां थी, 11 मार्च को लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया गया था। एक अप्रैल को जज कोर्ट नहीं पहुंचे थे और आठ अप्रैल को सीबीआई ने वक्त मांगा था। अब निचली अदालत से मामले के रिकॉर्ड हाई कोर्ट पहुंच गए हैं साथ ही सीबीआई ने भी जवाब दाखिल कर दिया है।

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