Bihar Politics:
बिहार की सियासत में इन दिनों परिवार और रोजगार दोनों की चर्चा जोरों पर है, जहां एक ओर बेटी के आरोपों से घिरा परिवार है, वहीं दूसरी ओर रोजगार के वादे सवालों के घेरे में हैं।
Bihar Politics: लालू-राबड़ी परिवार पर भाजपा का तंज, रोजगार के दावों पर भी उठाए सवाल
Bihar Politics: लालू परिवार के आंतरिक कलह पर भाजपा की टिप्पणी
बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से अपनी बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर गंभीरता से विचार करने और परिवार के भीतर ही इन मुद्दों को सुलझाने की बात कही। जायसवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लालू यादव और राबड़ी देवी को यह सोचना चाहिए कि उनकी बेटी पर अत्याचार हो रहे हैं। यह उनके परिवार का निजी मामला है और मेरा मानना है कि परिवार के सदस्यों को स्वयं ऐसे पारिवारिक मामलों पर चिंतन करना चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर भी तीखा हमला बोला और आरजेडी के रोजगार के वादों की व्यावहारिकता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने बिहार के रोजगार आंकड़ों का हवाला देते हुए ‘हर घर में एक नौकरी’ के दावे को अवास्तविक बताया। उन्होंने कहा कि आरजेडी के पास अब कोई ठोस काम नहीं बचा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आरजेडी अब मुद्दों से विहीन और बेरोजगार हो गई है, इसलिए बेतुके बयान देना उनकी आदत बन गई है। तेजस्वी यादव कह रहे थे कि वे बिहार के हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी देंगे। आजादी के 78 वर्षों में बिहार में मुश्किल से 20-22 लाख लोगों को ही नौकरियां मिली हैं, और वे कह रहे थे कि वे 3 करोड़ 80 लाख परिवारों को नौकरी देंगे। इस RJD Employment के दावे से यह स्पष्ट होता है कि उनमें सोचने-समझने की कोई क्षमता नहीं है।
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यह बयान आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की थी। रोहिणी आचार्य ने कहा था कि उनकी बेटी को यह आश्वासन चाहिए कि उसका मायका एक सुरक्षित स्थान है जहां वह बिना किसी को कुछ बताए लौट सकती है। यह बयान उन्होंने अपने परिवार को “त्यागने” और राजनीति से दूर रहने की घोषणा के लगभग एक महीने बाद दिया है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान
आरजेडी की पूर्व नेता रोहिणी आचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि केवल विभिन्न सरकारी योजनाएं लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। आचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुछ पहलों, जैसे महिलाओं को 10,000 रुपये वितरित करना और स्कूली छात्राओं को साइकिलें उपलब्ध कराना, की अप्रत्यक्ष रूप से सराहना की। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ये कदम भारत में महिला सशक्तिकरण में बाधा डालने वाले प्रणालीगत और गहरे मुद्दों को दूर करने के लिए अपर्याप्त हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह जरूरी है कि इन मूल समस्याओं पर ध्यान दिया जाए ताकि सच्ची लैंगिक समानता स्थापित हो सके।





