बिहार न्यूज़: पछुआ हवा ने राज्य में ऐसा सितम ढाया है कि लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। सड़कों पर सन्नाटा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त। आखिर कब मिलेगी इस हाड़ कंपाने वाली ठंड से निजात, और क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक?
राज्यभर में गिरा पारा, कोहरे का कहर
बिहार में पछुआ हवाओं का प्रकोप जारी है, जिसके चलते पूरा राज्य कड़ाके की ठंड की चपेट में है। लगातार गिरते तापमान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, और प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम पारा सात डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। ठंड का असर इतना ज़्यादा है कि दिन में भी धूप बेअसर साबित हो रही है, जिससे लोग अलाव और हीटर का सहारा लेने को मजबूर हैं।
सड़क पर वाहनों की रफ्तार धीमी, जनजीवन प्रभावित
सुबह के वक़्त घना कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई है। कोहरे की मोटी चादर के कारण सड़क मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों की रफ़्तार धीमी पड़ गई है, जिससे यातायात पर भी असर दिख रहा है। रेलवे और हवाई सेवाओं पर भी कोहरे का प्रभाव देखने को मिल रहा है। स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित कर दी गई हैं, और बाज़ारों में भी चहल-पहल कम हो गई है।
किसानों पर भी ठंड का असर
गिरते तापमान और सर्द हवाओं का असर केवल जनजीवन पर ही नहीं, बल्कि कृषि पर भी पड़ रहा है। फसलों को पाले से बचाने के लिए किसान चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है, और लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।


