Bihar Police Passing Out: बिहार की धरती पर बदलाव की नई बयार बह रही है, जहां वर्दी सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण का प्रतीक बन रही है। इसी कड़ी में, एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है, जब बिहार पुलिस को अपनी नई पीढ़ी मिलेगी।
बिहार पुलिस के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। कुल 1218 प्रशिक्षु दारोगाओं का यह दल, संख्या बल से कहीं बढ़कर अपनी संरचना और प्रशिक्षण की अनूठी विशेषताओं के कारण चर्चा में है। यह बैच बिहार पुलिस की समावेशी सोच को न केवल दर्शाता है, बल्कि उसे मजबूत भी करता है।
इस बैच में 779 पुरुष दारोगा, 436 महिला दारोगा और 3 ट्रांसजेंडर दारोगा शामिल हैं। यह आंकड़ा बिहार पुलिस भर्ती प्रक्रिया में लैंगिक समानता और तृतीय लिंग समुदाय के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह समावेशन समाज के हर तबके को पुलिस बल में भागीदारी का अवसर देता है।
Bihar Police Passing Out: समावेशी सोच का प्रतीक यह खास बैच
खेल कोटे से चयनित 23 प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों की मौजूदगी इस बैच की एक और खास विशेषता है। इन युवा दारोगाओं ने न सिर्फ शारीरिक दक्षता बल्कि खेल के मैदान में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, जो अब अपराध के खिलाफ जंग में नया जोश भरेंगे। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल और सामंजस्य से सशक्त होती पुलिस
प्रशिक्षण के दौरान इन सभी प्रशिक्षु दारोगाओं को आधुनिक पुलिसिंग के गुर सिखाए गए हैं, जिसमें साइबर अपराध से निपटना, फॉरेंसिक जांच और सामुदायिक पुलिसिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। इनकी ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य इन्हें सिर्फ कानून प्रवर्तक नहीं, बल्कि समाज के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह अधिकारी बनाना रहा है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिहार पुलिस भर्ती प्रक्रिया की गुणवत्ता को दर्शाता है। यह नया दल राज्य में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




