बिहार न्यूज़: बिहार में अब राजनीति और अपराध का एक नया गठजोड़ देखने को मिल रहा है, लेकिन इस बार मैदान साइबर दुनिया का है। सूबे में साइबर अपराधियों ने एक राजनीतिक संगठन को निशाना बनाया है, जिसकी वजह से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। आखिर कौन है ये साइबर अपराधी और कैसे वे एक राजनीतिक दल के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं, आइए जानते हैं इस पूरे मामले को…
राजनीतिक संगठनों को निशाना बना रहे साइबर ठग
बिहार में साइबर अपराध का जाल तेज़ी से फैलता जा रहा है, और अब इसकी ज़द में राजनीतिक दल भी आने लगे हैं। हालिया मामला प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़ा है, जहाँ साइबर ठगों ने पार्टी के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को चूना लगाने की कोशिश की है। इन शातिरों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जन सुराज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के फर्जी प्रोफाइल बना लिए हैं।
फर्जी प्रोफाइल बनाकर मांग रहे पैसे
जानकारी के मुताबिक, इन साइबर अपराधियों ने जन सुराज पार्टी से जुड़े प्रमुख चेहरों और सक्रिय सदस्यों के नाम पर नकली सोशल मीडिया अकाउंट्स बनाए हैं। इन फर्जी प्रोफाइलों के ज़रिए वे आम लोगों और यहां तक कि पार्टी से जुड़े अन्य लोगों से पैसे की मांग कर रहे हैं। यह गंभीर मामला सामने आने के बाद पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और जनता को सतर्क रहने की अपील की है।
जन सुराज पार्टी की चेतावनी
जन सुराज पार्टी ने इस साइबर धोखाधड़ी को लेकर एक आधिकारिक चेतावनी जारी की है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह पार्टी का सदस्य हो या आम नागरिक, यदि उसे जन सुराज से जुड़े किसी व्यक्ति के नाम पर पैसों की मांग वाली कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो वह तुरंत इसकी सूचना पार्टी नेतृत्व को दे और ऐसे किसी भी झांसे में न आए। पार्टी ने यह भी कहा है कि वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं, ताकि ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सके। यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल युग में अब राजनीतिक संगठनों को भी अपनी ऑनलाइन सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा।


